Union Budget 2024-2025: मोदी सरकार 3.0 के पहले आम बजट से सभी वर्ग के लोगों को खासी उम्मीदें हैं। निम्न और मध्यवर्ग को सरकार महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिए विशेष लाभ दे सकती है। नौकरीपेशा लोगों के लिए भी आयकर छूट सीमा बढ़ाए जाने और स्लैब में परिवर्तन किए जाने की चर्चाएं हैं। बदले हुए समीकरणों के बीच सरकार के लिए यह बजट सहयोगी दलों के अपने राज्यों की मांगों के चलते चुनौतियों से भरा भी है। केंद्र सरकार पर हर वर्ग की झोली में कुछ न कुछ डालने का दबाव है। चूंकि चार राज्यों के चुनाव सामने हैं, ऐेसे में बजट पर इन राज्यों के लोगों की भी उम्मीदें टिकी हैं। राजनीतिक रूप से सरकार को मतदाताओं को साधने की भी कवायद करनी पड़ रही है। इसलिए 23 जुलाई को आम बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
किसे क्या मिलने की उम्मीद
नौकरीपेशा को…
– कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आयकर छूट सीमा में बदलाव करेगी। इससे मध्यवर्ग और नौकरीपेशा लोगों को खासा लाभ होगा।
– साथ ही न्यू पेंशन स्कीम को ज्यादा आकर्षक बनाया जा सकता है, जिसको लेकर अभी तक सरकारी कर्मचारी नाखुश हैं।
किसानों को…
– सरकार किसान सम्मान निधि सालाना 6,000 रुपए से बढ़ाकर 10-12 हजार रुपए कर सकती है।
– कृषि उत्पादों पर जीएसटी की दरों को कम करने का फैसला भी हो सकता है।
मजदूरों को…
– मनरेगा के तहत मजदूरी दिवस को 100 से बढ़ाकर 150 दिन किया जा सकता है।
– मनरेगा मजदूरों को कृषि क्षेत्र के साथ जोडऩे का फैसला भी लिया जा सकता है।
युवाओं को…
– सरकार के ऊपर सबसे ज्यादा दबाव रोजगार के अवसर पैदा करने का है। इसलिए स्किल डेवलपमेंट और रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों का बजट आवंटन बढ़ऩे की संभावना है।
– अग्निवीर जैसी योजना में भी सैनिकों को ज्यादा वित्तीय लाभ देने का ऐलान किया जा सकता है।
महिलाओं को…
– महिलाओं की बेहतरी के लिए रसोई गैस से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सब्सिडी दिया जा सकता है।
– महिलाओं को टैक्स छूट देने पर भी सरकार विचार कर सकती है, ये छूट काफी अलग हो सकते हैं और मैरिज, रोजगार की स्थिति और माता-पिता की जिम्मेदारियों जैसे कारकों पर निर्भर हो सकते हैं।
सरकार के सामने चुनौतियां भी कम नहीं
साझा बजट: यह एनडीए सरकार का पहला साझा बजट है। इसमें सरकार के सामने जेडीयू और टीडीपी की मांगों को पूरा करने की चुनौती है। दोनों ही पार्टियों ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए वित्तीय सहायता की मांग रखी है।
विधानसभा चुनाव: इस वर्ष के अंत तक झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने हैं। इन राज्यों में युवा रोजगार तो महिलाएं महंगाई के मुद्दे पर सरकार से नाराज हैं। आम बजट के जरिए सरकार चुनावी समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी।
मध्यवर्ग: लोकसभा चुनाव में नतीजे भाजपा की उम्मीदों के अनुरूप न आने के पीछे एक वजह मध्यवर्ग का नाराज होना माना जा रहा है। इस बार के बजट में मध्यवर्ग के वोट बैंक को थामे रखने की चुनौती भी सरकार के ऊपर होगी।
युवा: सरकार के प्रति युवाओं में नाराजगी की मुख्य वजह रोजगार के अवसर सीमित होने और अग्निवीर जैसी योजना को बताया जाता है। इस लिहाज से बजट में युवाओं को साधने की चुनौती भी होगी।