आमतौर पर सर्दी खांसी की बीमारी दो या तीन दिनों में ठीक हो जाती है लेकिन लगातार दो हफ्ते तक खांसी फेफड़े के कैंसर का संकेत भी हो सकती है। चिकित्सकों के मुताबिक शीघ्र निदान से ही लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है। शोध में शामिल जूलिया वर्ने ने कहा कि सांस में समस्या और लगातार खांसी को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है।
अक्सर लोग इसे समान्य समस्या मानकर छोड़ देते हैं जिससे बाद में गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। यह नया अभियान खासतौर पर 50 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए है, क्योंकि इस उम्र के लोगों को फेफड़े के कैंसर, सीओपीडी और हृदय रोग का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इंग्लैंड में हर साल फेफड़े के कैंसर, हृदय रोग, फेफड़े की बीमारी से 150,000 से अधिक मौतें होती है।
इंग्लैंड में लगभग 18 लाख लोगों कोरोनरी हृदय रोग से पीड़ित हैं। एक लाख लोग सीओपीडी से पीड़ित हैं। वहीं 37,600 लोगों में हर साल फेफड़ों के कैंसर का पता चला है। अच्छी खबर है कि लोगों को फेफड़े का कैंसर जल्दी पता चल जा रहा है। लोगों में इसके प्रति जितनी जागरूकता बढ़ेगी, उतना ही हम इन बीमारियों से लोगों को बचा पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सांस में लगातार समस्या हो रही है तो लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और सारी परीक्षण कराने चाहिए।