गरुड़ पुराण में इन चीजों को देखने मात्र से हो जाती है पुण्य की प्राप्ति

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garud puran
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  1. हिंदू धर्म के गरुड़ पुराण में जगत पालनकर्ता भगवान श्री हरि विष्णु की महिमा भक्ति का विस्तार से वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण को सद्गति प्रदान करने वाला ग्रंथ माना गया है। इसे मनुष्य की मृत्यु के बाद पढ़ें जाने का विधान है। गरुड़ पुराण में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, निष्काम कर्म आदि कई कामों के फल का परालौकिक वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण में मनुष्य के जीवन को सुखमय बनाने वाली नीतियों का वर्णन भी किया गया है। गरुड़ पुराण में ऐसी सात चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें देखने मात्र से ही मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति हो जाती हैं। तो चलिए जानते हैं कि क्या हैं वे शुभ चीजें।
    गोमूत्रं गोमयं दुन्धं गोधूलिं गोष्ठगोष्पदम्।
    पक्कसस्यान्वितं क्षेत्रं द्ष्टा पुण्यं लभेद् ध्रुवम्।।
    इस श्लोक के अनुसार गोमूत्र, गोबर, गोदुग्ध, गोधूली, गोशाला, गोखुर और पकी हुई खेती से भरा खेत देखने से मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।
    गोमूत्र
    सनातन धर्म में गाय को माता कहा जाता है। माना जाता है कि गाय में 33 कोटि देवी देवता वास करते हैं, इसलिए गाय से प्राप्त हर चीज को बहुत पवित्र माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार गोमूत्र देख लेने मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।
    गोबर
    गरुड़ पुराण के अनुसार गाय का गोबर देख लेने में मात्र से ही मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति हो जाती है। हिंदू धर्म में पूजा-अर्चना या मांगलिक कार्य करने से पहले गाय के गोबर से लीपकर चौक आदि बनाया जाता है।
    गोदुग्ध
    गाय का दूध अमृत समान माना गया है इसके सेवन से अच्छी सेहत प्राप्त होती है और यह आपको कई रोगों से छुटकारा भी दिलाने में सक्षम है। गाय के दूध को अमृत के समान माना जाता है।
    गोधूलि
    गोधूलि यानि गाय के पैरों से उठने वाली धूल। पहले के समय में जब संध्या के समय सभी गाय चरकर अपने घरों को लौटती थी तब उनके पैरों से धूल उड़ती थी इसी कारण शाम के इस समय को गोधूलि बेला कहा जाता है यह समय देवी-देवताओं की वंदना का समय माना जाता है। गाय के पैर से उठने वाली धूल बहुत ही पवित्र होती है इसके दर्शन मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।
    गोशाला
    गोशाला यानि गायों के रहने के स्थान को मंदिर के समान पवित्र और पूजनीय मानाा जाता है। नियमित रूप से गोशाला में जाकर गायों की सेवा करना उन्हें चारा खिलाना बहुत ही पुण्य का काम होता है। गोशाला में गायों के दर्शन करने मात्र से ही देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।
    गोखुर
    गाय के पैरों को स्पर्श करना तीर्थ करने के समान माना जाता है। गाय के चरण स्पर्श करने से ही समस्त देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
    पकी हुई फसल
    एक किसान के लिए उसकी पकी हुई फसल देखना बहुत ही सुखद अनुभव होता है। यह उसकी दिन रात की गई मेहनत का परिणाम होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार पकी हुई फसल भरे खेत देखने से मात्र से ही मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।