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दसवीं की छात्रा से दुष्कर्म की कोशिश करने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए पांच साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में आरोपी युवक के खिलाफ महिला थाना पुलिस ने जून 2019 में एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस को दिए बयान में पीडि़त नाबालिग ने बताया कि वह गांव के राजकीय विद्यालय में कक्षा दसवीं में पढ़ती है। 20 जून 2019 की दोपहर को पड़ोस में रहने वाला सोनू जबरन उसके कमरे में घुस आया और दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद सोनू ने दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया।
नाबालिग बेटी ने शोर मचाया तो पिता ने दरवाजा तोड़कर उसे बचाया, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई सजा
नाबालिग ने शोर मचाया तो उसके पिता ने उसकी आवाज सुनकर दरवाजा तोड़ दिया और सोनू को पकडऩे की कोशिश की,लेकिन सोनू भागने में कामयाब रहा। इसके बाद घरवाले नाबालिग बेटी को लेकर महिला थाना पहुंचे और सोनू के खिलाफ शिकायत दी। महिला पुलिस ने अधिवक्ता समक्ष नाबालिग का बयान दर्ज करके सोनू के खिलाफ धारा 354ए,451 व पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पीडि़ता के मजिस्ट्रेट समक्ष कलमबंद्ध बयान दर्ज करवाए। करीब 2 साल 11 माह तक इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चली। शुक्रवार को इस मामले का निपटारा करते हुए न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने सोनू को 5 साल कैद की सजा सुना दी। न्यायालय ने दोषी सोनू को धारा 354ए में 3 साल,धारा 451 में एक साल व पॉक्सो एक्ट में 5 साल कैद की सजा सुनाई है। तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
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