आज समाज डिजिटल ,चंडीगढ़:
हवाई यात्रा के दौरान उद्दंड यात्रियों व उनके दुर्व्यवहार का मामला पिछले कुछ सालों से निरंतर चर्चा में है। इसी कड़ी में सामने आया है कि साल 2020 से 2022 तक 3 साल की अवधि में कुल 139 यात्रियों को हवाई यात्रा को लेकर नो फ्लाई लिस्ट में रखा गया है। इसका खुलासा हुआ युवा सांसद कार्तिक शर्मा द्वारा सदन में पूछे गए सवाल की जानकारी में। उन्होंने सदन में सवाल पूछा था कि भारतीय नागरिकों के लिए जमीनी स्तर पर प्राप्त बुनियादी मानवाधिकार हवाई यात्रा के दौरान भी क्या उपलब्ध होते हैं।
साथ ही उन्होंने पूछा था कि तीन साल में मानवाधिकार उल्लंघन के कितने मामले रिपोर्ट हुए हैं और सरकार ने यात्रियों के अधिकारियों के उल्लंघन पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। इसको लेकर नागर विमानन मंत्री विजय कुमार सिंह ने बताया कि गैरकानूनी, उद्दंड और गलत व्यवहार करने वाले यात्रियों के लिए उद्दंड यात्रियों की हैंडलिंग शीर्षक से नागर विमानन विमानन खंड 3- वायु परिवहन श्रृंखला एम भाग-4 जारी किया है।
अनियंत्रित यात्रियों से निपटने के लिए क्रू व ग्राउंड स्टाफ को उचित ट्रेनिंग दी जाती है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार एयरलाइनों द्वारा किसी यात्री को नो फ्लाई लिस्ट में डालने से पूर्व जवाबदेही सिद्ध करने के लिए संबंधित निर्धारित प्रक्रिया का अनुसरण करना होता है। साल 2020 में 10, 2021 में 66 और 2022 में 63 यात्रियों को नो फ्लाई लिस्ट में रखा गया।
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