Cow Rental Business: गुजरात के अमरेली में एक अनोखी सेवा शुरू हुई है, जहां लोग न केवल घर, गाड़ी और शादी के कपड़े किराये पर ले सकते हैं, बल्कि नंदी (बैल) भी किराये पर मिलते हैं।
दरअसल, रभड़ा गांव के चरवाहे प्रदीपभाई परमार ने पशुपालन का व्यवसाय शुरू किया है, जिसमें वह अपने नंदी और गायों को किराये पर देते हैं। उन्होंने हाल में एक बैल जिसका नाम कोहिनूर है उसे 4 महीने का किराया 8.51 लाख रुपए के रेंट पर दिया है।
रभड़ा गांव के चरवाहे प्रदीपभाई परमार का यह अनोखा व्यवसाय एक प्रेरणादायक और नवाचारी पहल है। उनका नंदी और गायों को किराए पर देने का मॉडल पारंपरिक पशुपालन को एक नया आयाम देता है। आइए इस अनोखे व्यवसाय को
प्रदीपभाई के पास 35 गिर गायें और 2 नंदी हैं। गिर नस्ल अपनी उच्च गुणवत्ता वाले दूध और प्रजनन क्षमता के लिए जानी जाती है। उनकी सबसे खास नंदी कोहिनूर, जिसे उन्होंने 4 लाख रुपये में खरीदा था।
कोहिनूर का चार महीने का किराया 8.51 लाख रुपये है, जो इसे आय का एक प्रमुख स्रोत बनाता है। उसे रोजाना 20 किलो चारा, जिसमें 13 किलो हरा और 7 किलो सूखा चारा शामिल है।
इसके अलावा, 6-7 किलो घी और 1 लीटर शुद्ध मूंगफली का तेल दिया जाता है।
इसकी देखभाल पर रोजाना करीब ₹2500 खर्च होता है।
कोहिनूर, प्रसिद्ध गोपाल नंदी के वंशज हैं। गिर नस्ल के नंदियों में इसकी पहचान काले रंग और शारीरिक विशेषताओं की वजह से अलग है। यह गायों के प्रजनन में मदद करता है और इसकी वंशावली इसे क्षेत्र में खास बनाती है।
गायों और नंदियों का पालन तो आम है, लेकिन किराए पर देने का यह मॉडल आय का एक नया स्रोत है। यह न केवल पशुपालन को टिकाऊ बनाता है, बल्कि इसे लाभदायक भी बनाता है।
कोहिनूर नंदी के कारण तीन गायों ने बछिया को जन्म दिया है। इससे गिर नस्ल की गुणवत्ता और वंशवृद्धि में सुधार हो रहा है।