नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच तकरार हुई और दोनों पार्टियां अपने मुख्यमंत्री पद के दावे पर अड़ी रहीं। शिवसेना का कहना था कि भाजपा 50-50 फॉर्मूले पर काम करे। लेकिन भाजपा का कहना सा फ था कि यहां मुख्यमंत्री तो भाजपा का ही होगा। अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए भाजपा पर हमला जारी रखा। ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब आपने जन्म भी नहीं लिया था, तो हमने हिंदुत्व का समर्थन किया था। आगे लिखा गया है कि जो लोग एनडीए से हमें निष्कासित बता रहे हैं, उन्हें इतिहास से सबक लेना चाहिए। संघ परिवार को चलाने वाले हम ही हैं … जब बाला साहेब ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, प्रकाश सिंह बादल और जॉर्ज फर्नांडीस ने एनडीए की नींव रखी, तो कई मौजूदा नेता कहीं नहीं थे। इससे पहले रविवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की थी कि लोकसभा में शिवसेना को विपक्षी खेमे में सीटें आवंटित की जा रही हैं क्योंकि वह कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन कर रही है। इस पर सामाना ने जवाब दिया कि एक प्रह्लाद जोशी ने यह कहा है कि वह स्पष्ट रूप से शिवसेना की भावना और एनडीए के कार्यों से अवगत नहीं हैं। एक समय था जब कोई भी भाजपा के बगल में खड़ा नहीं होता था। गौरतलब है कि भाजपा और शिवसेना के बीच दशकों से रिश्ता है। यह दोनों दल दशकों से एक साथ है। लेकिन मुख्यमंत्री पद की चाहत ने इन दोनों दलों को दूर कर दिया है। शिवसेना ने भाजपा से दूरी बना ली। इसके बाद महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिए। हालांकि अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। हालांकि बात कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तक पहुंच गई लेकिन अब तक कोई ठोस आकार गठबंधन को नहीं दिया जा सका है। बता दें कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में इकलौते शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने पिछले सोमवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। पार्टी संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर एनडीए के घटक दलों की बैठक से भी दूर रही थी।