भ्रष्टाचार खत्म करने का मुद्दा लेकर सत्ता में आई आप के कई नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जेल काट रहे
Delhi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली। दिल्ली में तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में शब्द युद्ध जारी है। तीनों एक दूसरे को जनता से विश्वासघात करने के आरोप लगाकर कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे ही आरोप गत दिवस कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली की आप सरकार और केंद्र सरकार पर लगाकर उन्हें कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली दंगे और उच्च शिक्षा को लेकर आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल को घेरा। किसी ने नाम लेकर चोट की, तो कोई बिना नाम लिए ही हमला बोलता दिखा। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बिना नाम लिए कहा कि 10 साल पहले दिल्ली में सपनों का सौदागर आया था।
10 साल पहले के मुद्दे आज भी ज्यों के त्यों
उसने सपने दिखाए कि भ्रष्टाचार खत्म कर दूंगा, लोकपाल बिल लाऊंगा, दिल्ली को बेहतर बनाऊंगा, नए अस्पताल और स्कूल खोलूंगा। लेकिन दुख की बात है, वह खुद और उनके मंत्री व विधायक भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए। अब वह लोकपाल की चर्चा नहीं करते। इसी तरह दस साल पहले देश में बहरूपिया आया था, उसने संविधान को कमजोर बनाने का काम किया। महंगाई और बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई।
केजरीवाल भ्रष्टाचार के मामले में जेल काट चुके
विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने सीधे कहा कि आंदोलन से सत्ता में आए केजरीवाल अब लोकपाल की बात नहीं करते । वो खुद भ्रष्टाचार के केस में जेल में चले गए। वो कहते हैं कि शिक्षा क्रांति ला दी। लेकिन नौंवी और 11वीं कक्षा में फेल होने वालों की संख्या अच्छी खासी है। दिल्ली सरकार के कॉलेजों में उच्च शिक्षा भी महंगी है। गौतम ने आरोप लगाया कि अन्ना हजार के आंदोलन के सहारे कांग्रेस पर तमाम आरोप लगाकर ही भाजपा भी सत्ता में आई थी।
उनका एक भी आरोप साबित नहीं हुआ। कांग्रेस नेता हारून युसूफ ने सीलमपुर के लोगों को दंगे के वक्त की याद दिलाते हुए आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रहते हुए लोगों का दर्द जानने नहीं आए थे। केवल राहुल गांधी की ऐसा नेता थे, जिन्होंने दंगा पीड़ितों का दर्द जाना। पूर्व मंत्री डा. नरेंद्र नाथ ने कहा कि देश के अंदर दो जादूगर हैं। नरेंद्र मोदी ने देश का और अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का बेड़ा गर्क कर दिया।
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