उत्तर प्रदेश के हाथरस मामलेनेयूपी पुलिस और प्रशासन की साख खराब हुई है। पहले तीन दिनों तक गांव को पूरी तरह से छावनी बनाकर पुलिस ने रखा था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई थी। किसी को भी पीड़ित परिवार से मिलनेकी आजादी नहींथी। हालांकि लगातार इस मामले में जनाक्रोश बढ़ रहा था। पीड़िता के साथ नाइसंफी और उसके शव को रात में भी अंतिम संस्कार करने पर परिवाल वाले पुलिस के खिलाफ हैं। अब इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बारे में जानकारी दी। सीएम योगी की ओर से सीबीआईजांच की सिफारिश कर दी है। बता दें कि एसआईटी की टीम पहले ही इस मामले की जांच कर रही है। सरकार ने इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर अपराधियों को सजा दिलाने का भी आदेश दिया था अब इस मामले को सीबीआई को सौपने की तैयारी चल रही है। हांलाकि पीड़िता के परिवार की ओर से सीबीआई की जांच को पहले ही ठुकरा दिया गया है। मीडिया सेबातचीत के दौरान परिवार वालों ने कहा था कि वह इस मामले में न्याय चाहते हैंऔर न्यायिक जांच की कही मांग कर रहे हैं। यह घटना 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले मेंहुई थी। एक दलित युवती के साथ हैवानियत और बर्बरता की र्ग। पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धारा में मामला दर्ज कर लिया था। चारों आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं। तबीयत बिगड़ने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां पर मंगलवार को उसकी मौत हो गई।