Yogasna : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और तेजी से बदलती लाइफस्टाइल के चलते रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं बेहद आम हो गई हैं। दरअसल, लोग ऑफिर में लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठकर काम करते हैं, इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटीज कम करते हैं और तनाव में ज्यादा रहते हैं जिससे कई लोगों को पीठ दर्द, अकड़न और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, लगातार कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करने, गलत पोजीशन में बैठने और भारी वजन उठाने से भी रीढ़ की हड्डी पर ज्यादा दबाव पड़ता सकता है, जिससे समस्याएं और भी बढ़ जाती हैं। रीढ़ की हड्डी हमारी शारीरिक संरचना का एक जरूरी हिस्सा है, जो शरीर को सहारा देती है। ऐसे में रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाए रखने और दर्द से राहत पाने के लिए कुछ एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद हो सकती हैं।
रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला कैसे बनाएं
1. क्रंचेज
क्रंचेज एक्सरसाइज केवल पेट की मांसपेशियों को मजबूत नहीं करती, बल्कि यह रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट प्रदान देने में भी मददगार होती है। रोजाना इस एक्सरसाइज को करने से पेट की मसल्स जितनी मजबूत होंगी, रीढ़ पर कम दबाव पड़ेगा। इसका अभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेटें और घुटनों को मोड़ें। हाथों को सिर के पीछे रखें और धीरे-धीरे अपने कंधों को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ें और फिर धीरे-धीरे वापस नीचे आएं। यह एक्सरसाइज पेट की मांसपेशियों को टोन करने के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट देती है और कमर के दर्द को कम करती है।
2. नी-टू-चेस्ट स्ट्रेच
नी-टू-चेस्ट स्ट्रेच (Knee-to-Chest Stretch) रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को खिंचाव देता है, जिससे स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। इस एक्सरसाइज का अभ्यास न केवल रीढ़ की मांसपेशियों को राहत देता है बल्कि लचीलापन भी बढ़ाता है। इसका अभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेटें और धीरे-धीरे एक घुटने को छाती की ओर खींचें। इस स्थिति में 10-20 सेकंड तक रहें और फिर दूसरे पैर से दोहराएं। नी-टू-चेस्ट स्ट्रेच का अभ्यास करने से कमर और निचले हिस्से के दर्द में राहत मिलती है और रीढ़ की लचक को बढ़ाने में मदद मिलती है।
3. ब्रिज एक्सरसाइज
ब्रिज एक्सरसाइज रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक होती है और यह कमर, हिप्स और पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करती है। इसे नियमित रूप से करने से रीढ़ की हड्डी के आसपास की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। ब्रिज एक्सरसाइज का अभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेटें और घुटनों को मोड़ें। इसके बाद धीरे-धीरे अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड तक इस स्थिति को बनाए रखें और फिर धीरे-धीरे वापस नीचे आएं। रीढ़ की हड्डी को ताकत मिलती है। यह एक्सरसाइज निचले हिस्से के दर्द को कम करती है और शरीर में लचीलेपन को बढ़ाती है।
4. कैट स्ट्रेच
कैट स्ट्रेच एक्सरसाइज रीढ़ की लचक को बढ़ाती है और पीठ की मांसपेशियों को भी राहत देती है। कैट स्ट्रेच का अभ्यास करने के लिए घुटनों और हाथों के बल आएं और फिर धीरे-धीरे अपनी पीठ को ऊपर की ओर गोल करें, जिस तरह बिल्ली अपने शरीर को खींचती है। फिर पीठ को नीचे की ओर झुकाएं और सिर को ऊपर उठाएं। इसके अभ्यास से रीढ़ की मांसपेशियों में तनाव कम होता है साथ ही यह पीठ के दर्द में राहत देती है और लचीलापन बढ़ाती है।
5. चिन-टू-चेस्ट स्ट्रेच
चिन-टू-चेस्ट स्ट्रेच एक्सरसाइज गर्दन और ऊपरी रीढ़ की हड्डी को खिंचाव देती है। यह एक्सरसाइज खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जो लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करते हैं और जिनकी गर्दन और ऊपरी पीठ में तनाव रहता है। इसका अभ्यास करने के लिए सीधे बैठें या खड़े रहें और फिर धीरे-धीरे अपनी ठुड्डी को छाती की ओर झुकाएं, जब तक कि आपको गर्दन में हल्का खिंचाव महसूस न हो। इस स्थिति को 10-20 सेकंड तक बनाए रखें और फिर आराम से सिर को सामान्य स्थिति में लाएं। चिन-टू-चेस्ट स्ट्रेच के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी की लचक में सुधार होता है।