Yellow nail : तेज धूप, धूल और गंदगी वजह से आपकी स्किन खराब हो सकती है। स्किन में सुधार के लिए आप कई तरह के उपायों को अपनाते हैं। लेकिन, ऐसे में आप हाथों और पैरों को नाखूनों को अनदेखा कर देते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार सेहत से जुड़ी कई समस्याओं के लक्षण नाखूनों पर दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में आप नाखूनों पर होते किस भी तरह के लक्षण को अनदेखा न करें। यैलो नेल सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है, जो आपके नाखूनों, फेफड़ों और अंगों को प्रभावित करती है। यैलो नेल सिंड्रोम वाले लोगों के नाखून पीले, मुड़े हुए होते हैं। यह रेस्पिरेटरी से जुड़ी समस्याओं जैसे की खांसी या सांस लेने में होने वाली परेशानी की ओर भी इशारा कर सकते हैं।
जेनेटिक्स फैक्टर
यैलो नेल सिंड्रोम के कुछ मामले एक परिवार में दिखाई देते हैं, जो संभावित जेनेटिक्स प्रवृत्ति का संकेत देते हैं। लिम्फेटिक सिस्टम के कार्य को प्रभावित करने वाले कारण इस सिंड्रोम की वजह बन सकते हैं। हालांकि, यैलो नेल सिंड्रोम के लिए जिम्मेदार किसी विशेष जीन की पहचान नहीं की गई है।
प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना
प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना यैलो नेल सिंड्रोम का संभावित कारण मानी जाती हैं। यैलो नेल सिंड्रोम वाले कुछ रोगियों में अंतर्निहित ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होते हैं, जैसे कि रुमेटाइड अर्थराइटिस आदि।
रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस और प्लीयूरल इफ्यूजन
(फेफड़ों के आसपास तरल पदार्थ का जमा होना) जैसी रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं अक्सर यैलो नेल सिंड्रोम से जुड़ी होती हैं।
यैलो नेल सिंड्रोम में क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
नाखून आमतौर पर पीले या हरे रंग के हो जाते हैं।
नाखून मोटे हो जाते हैं और उनमें उभार आ जाता है।
नाखून बहुत धीमी गति से बढ़ते हैं।
नाखून अपने आप ही टूटने लगते हैं।
लगातार खांसी, बलगम और सांस लेने में परेशानी होना।
नाक बंद रहना।
जोड़ो में दर्द और पैरों में सूजन आदि।