आज समाज डिजिटल, देहरादून:
रात-दिन के बंद के बाद खुला यमुनोत्री हाईवे शुक्रवार को फिर भूधंसाव से बंद हो गया। यहां हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। करीब 250 से 300 वाहन यहां फंसे। हाईवे को सुचारु करने में जुटी एनएच की टीम ने छोटे वाहनों को बमुश्किल निकाला, लेकिन बड़े वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाई।

हाईवे पर भूधंसाव के कारण यहां लगभग 7000 यात्री फंस गए। हाईवे खोलने की प्रयास किया गया, लेकिन आखिर में प्रशासन ने लोगों से पहले गंगोत्री जाने की अपील की। घंटों यहां फंसे रहने के बाद कई यात्रियों ने गंगोत्री का रुख किया। वहीं स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए तीन दिन हाईवे को बंद कर दिया है।

यमुनोत्री हाईवे पर बड़े बड़े वाहनों की बाद पाली गाड़ से लेकर स्याना चट्टी तक लगभग पांच किमी जाम लग गया। छोटे वाहनों की आवाजाही भीयहां जोखिम भरी है। मजदूरों ने भी जोखिम देखते हुए काम करने से मना कर दिया है। राणा चट्टी के समीप अवरुद्ध हुए यमुनोत्री हाईवे को यातायात के लिए खोलना किसी चुनौती से कम नहीं है। हाईवे की दीवार जहां धंसी थी, वहां नीचे गहरी खाई थी। जबकि हाईवे के ऊपर कठोर चट्टानें हैं।

बुधवार शाम छह बजे राणा चट्टी के समीप यमुनोत्री हाईवे की दीवार धंस गई थी, जिससे यहां बड़े वाहनों का आवागमन बंद हो गया था। एनएच खंड के कर्मियों ने बुधवार रात से ही मरम्मत का कार्य शुुरू कर दिया था। मरम्मत कार्य के दौरान एनएच के अधिशासी अभियंता राजेश पंत, एक सहायक व एक अवर अभियंता व 12 मजदूरों ने 25 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद हाईवे को खोला, लेकिन फिर शुक्रवार को भूधंसाव के कारण हाईवे बंद हो गया।

सीओ बड़कोट सुरेंद्र भंडारी ने बताया कि यात्रियों को छोटे वाहनों से यमुनोत्री भेजा जा रहा है। इसके लिए दोबटा में छोटे वाहनों की व्यवस्था की गई है। सीओ ने बताया कि तीन दिन के भीतर एनएच पर दीवार लगाने का कार्य पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। संभावना है कि तीन दिन बाद हाईवे को पूर्ण रूप से खोल दिया जाएगा।

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