गायों में लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अधिकारियों रहना होगा सतर्क: डीसी पार्थ गुप्ता

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Vigilance for Prevention and Control of Lumpy Skin Disease
Vigilance for Prevention and Control of Lumpy Skin Disease
  • उपायुक्त ने अधिकारियों को दिए निर्देश
  • पशुपालकों को घबराने की जरूरत नहीं
  • जिले में संभावित 10634 पशुओं में से 6665 पशु हो चुके रिकवर
  • वैक्सीनेशन पर रखा जाए पूरा फोकस
प्रभजीत सिंह लक्की, Yamunanagar News:
डीसी पार्थ गुप्ता ने कहा कि जिला में गो-वंश में लम्पी त्वचा बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है तथा सभी पशुओं का वैक्सीनेशन किया जाएगा।

लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

डीसी पार्थ गुप्ता ने शनिवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे। इससे पहले मुख्य सचिव संजीव कौशल ने लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीसी के साथ अहम बैठक की और बीमारी की रोकथाम करने के लिए लगातार सतर्क रहने के आदेश दिए। डीसी ने कहा कि  जिला में पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 10634 पशुओं को इस बीमारी के लक्षण पाएं की संभावना व्यक्त की जा रही हैै। इसमें से करीब 6665 पशु रिकवर हो चुके है।  इस समय जिला में डोज उपलब्ध है और शीघ्र ही ओर डोज सरकार की तरफ से भेजी जा रही है।
डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन तेजी से किया जाए। लम्पी स्किन बीमारी के कारण भय का माहौल पैदा न होने दें। पशुपालन विभाग आज तुरंत प्रभाव से एडवाइजरी जारी करें और नागरिकों को अवगत कराएं कि लम्पी स्किन बीमारी से संक्रमित गायों का दूध भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बशर्ते दूध को हमेशा उबालकर ही इस्तेमाल करें।

मरे हुए पशुओं का निस्तारण पशुपालन विभाग द्वारा तय तरीके से ही करें

डीसी ने कहा कि मरे हुए पशुओं का निस्तारण पशुपालन विभाग द्वारा तय तरीके से ही करें। उन्होंने बताया कि 8 से 10 फुट का गड्ढा खोद कर ऐसे पशुओं को दबायें। यह अवश्य ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में ऐसे पशुओं के शव को खुले में न छोड़ें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इस समय किसी भी पशु की मृत्यु होती है तो एहतियातन ऐसे पशुओं के शवों का निस्तारण भी इसी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाए। डीसी ने इस कार्य के लिए नगराधीश अशोक कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। उन्होंने नगराधीश को निर्देश दिए कि पशुपालन विभाग, स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम, नगर पालिका व पंचायत विभाग के अधिकारियों के माध्यम से सभी गौशालाओं और गांवों में मक्खियों व मच्छरों के नियंत्रण के लिए फॉगिंग व दवा का स्प्रे का कार्य दो दिन में पूर्ण करवाए तथा गौशालाओं की सफाई पर विशेष ध्यान दें।

पशुओं की अंतर्राज्यीय और अंतर जिला आवाजाही पर लगाया जाए पूर्ण प्रतिबंध

डीसी ने निर्देश दिए कि संबंधित जिलों में ग्वालों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाली गायों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए। अंतर्राज्यीय और अंतर जिला आवाजाही पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए तथा पुलिस विभाग द्वारा मुख्य मार्गो पर नाके लगाए जाए। इसके अलावा, पशु मेला के आयोजन और पशुओं की बिक्री इत्यादि पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जो पशु संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए अतिरिक्त स्थान का चयन जल्द किया जाए ताकि स्वस्थ पशुओं में इस बीमारी का प्रभाव न पड़े। उन्होंने कहा कि  जिला में सख्त निगरानी सुनिश्चित करें कि किसी गोशाला या अन्य व्यक्ति द्वारा संक्रमित पशु को आवारा न छोड़ा जाए, ऐसी स्थिति में संक्रमण और अधिक फैल सकता है।