Yamunanagar News : कृष्ण लीलाओं से हो रहा सृष्टि का संचालन: किशोरी भारद्वाज

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कृष्ण लीलाओं से हो रहा सृष्टि का संचालन: किशोरी भारद्वाज
कृष्ण लीलाओं से हो रहा सृष्टि का संचालन: किशोरी भारद्वाज

(Yamunanagar News) साढौरा। श्रीश्याम गौशाला में जारी श्रीमद भागवत कथा के शनिवार को संपन्न होने पर व्यास पूजा करके कथा को विश्राम दिया गया। कथा व्यास मथुरा की आनंदमूर्ति प्रिया किशोरी भारद्वाज ने आज श्रीकृष्ण के 16108 विवाह, सुदामा चरित्र व परीक्षित मोह के प्रसंगों पर आधारित प्रवचन किए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीला अपरंपार है। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन मात्र से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं उनकी लीलाओं का अंत नहीं है। अनंत काल से भगवान श्रीकृष्ण अपनी लीलाओं के जरिए सृष्टि का संचालन कर रहे हैं। सनातन शास्त्रों में भगवान की लीलाओं का वर्णन है। इसमें एक लीला नरकासुर वध का है। असुर नरकासुर के चलते भगवान श्रीकृष्ण को 16108 नारियों संग विवाह करना पड़ा था।

व्यास पूजन से दिया सात दिवसीय कथा को विश्राम

कथावाचक ने कहा कि भगवान के लिए कोई छोटा या बड़ा नहीं होता। उन्हें समर्पित भाव और निर्मल मन से की गई भक्ति प्रिय है। कृष्ण ने सुदामा की मित्रता को निभाकर भगवान ने अपने दीनदयालु नाम को सार्थक किया। भक्त को सुदामा की भांति भक्ति करनी चाहिए क्योंकी संत सुदामा ही इतिहास में भगवान के परम भक्त पाए गए है जो भगवान श्री कृष्ण के मित्र भी है और वह द्वारकाधीश को भगवान के रूप में भी देखते है। मित्रवत और भक्तवत व्यवहार संत सुदामा आत्मीयता के साथ निभाते है।

एक सप्ताह से चल रहे श्रीमद भागवत कथा का समापन आज राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा और व्यास जी की भावपूर्ण विदाई से हुआ। कथा व्यास ने परीक्षित की कथा के साथ कहा कि मनुष्य जीवन में संगती का बड़ा महत्व है। जीवन किस दिशा में जाएगा यह संगती पर ही निर्भर करता है।हमेशा अच्छे, संस्कारी और अध्यातमिकजनों की संगत में रहना चाहिए। इसके बाद उन्होंने परिक्षित जन्म का वर्णन किया और बताया कि किस वजह से उन्हें अकाल मृत्यु का श्राप मिला था। कथा व्यास ने परिक्षित मोक्ष के संबंध में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भागवत के प्रभाव से ही परिक्षित को मुक्ति मिली थी। कहा कि श्राद्ध पक्ष में भागवत के पढ़ने और सुनने से पित्रों को शांति प्राप्त होती है। कथा के अंत में प्रसाद वितरण के साथ आज की कथा का समापन किया गया। इस दौरान विहिप भारतीय गौवंश रक्षण एवं संवर्धन के प्रांत प्रमुख महंत शोभादास, अमित सेतिया, शिवकुमार कौशिक, रामकुमार निजामपुर व सोनू पंवार भी मौजूद रहे।

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