(Yamunanagar News) साढौरा। सीएचसी में एसएमओ के अलावा डाक्टरों के सात पद स्वीकृत है, लेकिन यहां एसएमओ के अलावा डॉक्टरों के छह पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। इन हालात में सीएचसी के अधिकार क्षेत्र के 78 गांवों की लगभग 90 हजार आबादी के लोगों के उपचार का जिम्मा एक ही डॉक्टर पर निर्भर है। डॉक्टरों की कमी के कारण आपातकालीन उपचार तो कतई ठप्प है, वहीं एकमात्र डॉक्टर के जिम्मे कई अन्य काम भी होने से ओपीडी भी प्रभावित हो रही है। सीएचसी में डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को उपचार के लिए निजी डाक्टरों के पास जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
एसएमओ के अलावा डॉक्टरों के छह पद लंबे समय से रिक्त
सीएचसी में तैनात एसएमओ डॉ. अमरीश मंगला का एक साल पहले यहां से तबादला होने के बाद बिलासपुर की एसएमओ डॉ. शमा परवीन को यहां का अतिरिक्त प्रभार सौंपा हुआ है। वह भी सप्ताह में एक-दो बार यहां डयूटी देकर कार्यालय के कामकाज ही निपटा पाती हैं। डॉ.विनीत मिश्रा ही इकलौते डॉक्टर ह,ै जो सीएचसी में आने वाले मरीजों के उपचार का जिम्मा संभाले हुए हैं। यमुनानगर के सीएमओ द्वारा जारी दिसंबर के रोस्टर में डॉ. विनीत मिश्रा की डयूटी माह में दो दिन के लिए यमुनानगर लगा दी गई है। डेंटल चिकित्सक के तौर पर डॉ.सुनीता चौधरी की तैनाती है। जबकि डॉक्टरों के छह पद लंबे समय से रिक्त हैं।
इन छह में से तीन डॉक्टरों की तैनाती कागजों में तो सीएचसी में है, लेकिन यह तीनों डेपूटेशन पर दूसरे स्थानों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यानि साढौरा जैसे पिछड़े क्षेत्र की बजाए इन चिकित्सकों ने जुगाड़ करके शहरी क्षेत्रों में अपनी डयूटी लगवाई हुई है। इनमें से डॉ. शालिनी सैनी तो छह माह पहले यहां ज्वाईनिंग करने के अगले ही दिन यमुनानगर में डेपूटेशन पर चली गई तो डॉ. दीप्ती शर्मा लंबे समय से पंचकूला में डेपूटेशन पर है।
यानि यह दोनों वेतन तो सीएचसी ले रहे हैं, लेकिन काम कहीं और कर रहे हैं। तीन माह पहले डॉ. अंकुश का बिलासपुर से साढौरा सीएचसी में तबादला किया गया था। लेकिन आज तक वह यहां आने की बजाए बिलासपुर में ही डयूटी कर रहे हैं। इसी तरह रसूलपुर पीएचसी में डेंटल डॉक्टर के अलावा डॉक्टरों के दो पद रिक्त हैं। यानि वहां तैनात डेंटल डॉक्टर ही हर तरह के मरीजों के उपचार का जिम्मा संभाले हुए हैं।
सीएचसी के नए भवन को बनवाने व यहां डॉक्टरों की तैनाती किए जाने की मांग को लेकर कई बार अनशन कर चुके अमित सेतिया ने इन हालात पर रोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सीएचसी में डॉक्टरों की कमी से लोगों में रोष है। डॉक्टरों की कमी के कारण लोग प्राइवेट डॉक्टरों से महंगा इलाज करवाने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं सीएचसी में एक भी महिला चिकित्सक न होने से महिला मरीज दूसरे शहरों में जाकर उपचार करवाने को मजबूर होने के अलावा आर्थिक तंगी का सामना करने को मजबूर हो रही हैं।
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