(Yamunanagar News) साढौरा। पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बरसात के पानी की समुचित निकासी न होने के कारण कई गांवों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई। श्मशान घाट के पास कोटला मार्ग पर अधिक जलभराव होने से कई गांवों का आपसी सम्पर्क टूटने के अलावा यह बरसाती पानी दोबारा से मोहल्ला नई टोली, कच्चा किला, शिव कॉलोनी व मोहल्ला वास्तियान की गलियों में जलभराव होने से लोगों के घरों में घुस गया। जिससे कालोनीवासी एवं मोहल्लावासियों का राशन के अलावा घरेलू सामान खराब हो गया। एसएचओ अनिल राणा व गुप्तचर विभाग के जरनैल सिंह ने स्थानीय लोगों की मदद से ट्रैक्टर-ट्राली के जरिए पीडि़त परिवारों को बड़ी मुश्किल से घर के सामान सहित निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। अब यह पीडि़त लोग पानी से खुद व बच्चों को बचाने व सामान को सुरक्षित स्थानों पर पनाह लेने को मजबूर हो गए है।
प्रशासनिक दावे हुए फेल:-
मानसून का सीजन शुरू होने से पहले ऐसी आपदा से निपटने के लिए प्रशासन से खूब दावे किए थे, लेकिन मानसून के दौरान बरसाती पानी के आगे सभी प्रशासनिक दावे फेल हो गए। लोगों की जुबां पर सिर्फ एक ही बात सुनने को मिल रही है कि अगर प्रशासन समय रहते कोई पुख्ता इंतजाम कर लेता तो शायद कई पीडि़तों के आशियाने तबाह होने से बच सकते थे। पीडि़त लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा नकटी नदी का प्रवाह क्षेत्र घटाकर तटबंध बनाने के दौरान ही बड़ी पुलिया बनाकर पानी की समुचित निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए थी। अगर प्रशासन नकटी नदी का प्रवाह क्षेत्र न घटाकर सही कार्य करता तो शायद ही लोगों को पानी की भेंट चढऩा पड़ता।
पहाड़ी क्षेत्र में हुई बरसात से अचानक बढ़ा जलस्तर:-
शनिवार की सुबह भी अचानक पहाड़ी क्षेत्र में हुई मूसलाधार बरसात के कारण कई घरों में पानी घुसने से घरेलू सामान खराब हो गया था। उस समय प्रशासन ने तटबंध के पास बनी पुलिया को जेसीबी मशीन से खोदकर बरसाती पानी का रुख कस्बे की बजाए नकटी नदी के प्रवाह क्षेत्र की तरफ कर दिया था। बरसाती पानी का रुख नकटी नदी में होने से लोगों ने राहत की सांस महसूस की। लेकिन रविवार की सुबह 10 बजे अचानक श्मशान घाट के पास कोटला मार्ग पर दोबारा से जलस्तर बढऩा शुरू हो गया। धीरे-धीरे यह जलस्तर बढक़र तीन मोहल्लों के अलावा शिव कॉलोनी में घुस गया। अचानक जलस्तर बढऩे से पानी लोगों के घरों में घुस गया और कई लोगों का दोबारा से घरेलू सामान खराब हो गया।
कब्जााधारियों पर प्रशासन मेहरबान:-
कस्बावासियों अमित सेतिया, दिलावर हुसैन व मंगत राम सैनी ने बताया कि प्रशासन ने जिस समय नकटी नदी पर तटबंध बनाने का कार्य शुरू किया था। उस समय स्थानीय लोगों से सलाह मशव्वरा करना चाहिए था। लेकिन उस समय प्रशासन ने कब्जााधारियों को शरण देते हुए नकटी नदी का प्रवाह क्षेत्र घटाकर नियमों के विपरित तटबंध बना दिया और बरसाती पानी से निपटने के लिए कोई व्यापक प्रबंध नही किए। इससे प्रतीत होता है कि प्रशासन कब्जााधरियों पर मेहरबान है। जिसका कस्बे की भोली-भाली जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। किसानों की सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसल भी पानी की भेंट चढ़ गई।
गांवों का आपसी सम्पर्क टूटा:-
अचानक पानी का जलस्तर बढऩे से कोटला मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया। जिससे कई गांवों का आपसी सम्पर्क टूट गया। यह बरसाती पानी बीईओ कार्यालय, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जलापूर्ति विभाग का नलकूप व श्मशान घाट के अलावा आसपास बने मकानों व दुकानों में घुसा है। बाइपास पर बनी पुलिया बढ़ते जलस्तर को नियंत्रण नही कर पाई। जिससे यह नदी का उफनता पानी दोबारा से कस्बे की तरफ रुख कर गया। जिसके कारण मोहल्ला नई टोली, मोहल्ला कच्चा किला, मोहल्ला वास्तियान व शिव कॉलीनी की गलियों व घरों में जलभराव होने के कारण कई लोगों के घरो व दुकानों का सामान खराब हो गया।
कस्बासियों की मांग है कि प्रशासन को मानसून का सीजन शुरू होने से पहले ऐसी आपदा से निपटने के लिए समुचित निकासी के लिए व्यापक प्रबंध करने चाहिए। जिससे आमजन को कोई आर्थिक नुकसान सहन न करने पड़े।
गुरुद्वारा सिंघ सभा प्रबंधक कमेटी आई पीडि़तों की मदद के लिए आगे:-
बरसात के पानी से कई लोगों का घरेलू सामान व राशन खराब हो चुका है। इन पीडि़तों की मदद के लिए गुरुद्वारा सिंघ सभा प्रबंधक कमेटी के सदस्य आगे आए है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान सुरजीत सिंह ने बताया कि पीडि़त परिवारों की सहायता के लिए गुरुद्वारा के हाल कमरे में रहने की व्यवस्था करने के अलावा खाने पीने का इंतजाम किया गया है।
गुरुद्वारा सिंघ सभा प्रबंधक कमेटी आई पीडि़तों की मदद के लिए आगे:-
बरसात के पानी से कई लोगों का घरेलू सामान व राशन खराब हो चुका है। इन पीडि़तों की मदद के लिए गुरुद्वारा सिंघ सभा प्रबंधक कमेटी के सदस्य आगे आए है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान सुरजीत सिंह ने बताया कि पीडि़त परिवारों की सहायता के लिए गुरुद्वारा के हाल कमरे में रहने की व्यवस्था करने के अलावा खाने पीने का इंतजाम किया गया है।