(Yamunanagar News) साढौरा। नगरपालिका द्वारा चार साल पहले 30 लाख की लाखत से विकसित गए पार्क के उचित रखरखाव के अभाव में यहां न तो हरियाली बची है और न ही यहां ऐसी कोई सुविधा है जिससे यहां आने वालों को पार्क का अहसास हो सके। पार्क में प्रवेश करते ही यहां बने शौचालयों से उठती बदबू आंगतुक को नाक पर हाथ रखने को मजबूर कर देती है।
पार्क में हरियाली की जगह मलबे व गंदगी के अंबार लगे
आगे बढ़ने पर इस पार्क में हरियाली की जगह मलबे व गंदगी के अंबार लगे नजर आते हैं। फुटपाथों पर लगी टाइलें टूट जाने के कारण पार्क में सैर करना दूभर हो गया है। रखरखाव की उचित व्यवस्था न होने के कारण बच्चों के मनोरंजन के लिए लगाए झुले व कसरत करने के लिए लगाई गई मशीनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पार्क में बिजली की उचित व्यवस्था करने के अलावा फव्वारे लगाए गए थे। फव्वारे कुछ दिन चलने के बाद से ही बंद पड़े हैं। तो लाइटिंग न होने से पार्क के अधिकांश हिस्से में शाम ढ़लते ही अंधकार छा जाता है।
जिस वजह से पार्क में सैर करने से लोग परहेज कर रहे हैं। हरियाली व खुबसुरती के लिए पार्क में कोई भी फुलों या सजावटी नया पौधा नहीं लगाया गया। वहीं पहले से लगे पेड़ों का रखरखाव न होने से यह पेड़ भी सूखने के कगार पर हैं। उपेक्षा व बदहाली के कारण यह पार्क अब किसी जंगल की तरह नजर आने लगा है। पार्क विकसित किए जाने के बाद यह कस्बावासियों के लिए सैर करने या सुकून पाने का पसंदीदा ठिकाना बन गया था। लेकिन अब इसकी हालत देखकर लोग मायूस होकर यहां आने से परहेज करने लगे हैं। नगरपालिका द्वारा पार्क के रखरखाव के अभाव में यहां खर्ची गई रकम बेकार होने के अलावा लोगों को पार्क का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यूं तो नगरपालिका ने इस पार्क की रखरखाव के लिए एक संस्था को जिम्मा सौंपा हुआ है। लेकिन संस्था की कारगुजारी पर नजर नहीं रखी जा रही है।
नगरपालिका चेयरपर्सन शालिनी शर्मा ने बताया कि सरकार की योजना के अनुसार पार्क के रखरखाव का जिम्मा एक संस्था को दिया हुआ है। संस्था की कारगुजारी की समिक्षा करके पार्क की हालत बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
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