(Yamunanagar News) छछरौली। गांव काठगढ़ व रामपुर गेंदा में वन विभाग व ग्राम पंचायत की मिली भगत से जंगल को काटकर नदी बनवाने का नया मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां बौद्ध समुदाय के लोगों ने जमीन लेकर उसको समतल किया। इस दौरान उन्होंने वर्षों पुराने पानी के बहाव को रोक कर नई नदी बना दी। सरकार की तरफ से यहां करोड़ों रुपए खर्च करके बाकायदा पुलिया व पुल लगाया हुआ है। उसमें जाने वाले पानी के बहाव को भी जबरन रोक दिया गया है। इतना ही नहीं यहां एक नई नदी बना दी गई है। यह सारा मामला वन विभाग व ग्राम पंचायत की मिलीभगत से किया गया है। उधर इस बारे में रेंज अधिकारी सढौरा ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया और यहां तक कहा कि आप जो कुछ लिखना चाहते हैं लिख सकते हैं।
नई नदी की भेंट चढ़े करोड़ों के हजारों पेड़
किसान राम सिंह ने बताया गांव काठगढ़ से उपर बौद्ध समुदाय के लोगों ने जमीन खरीदी थी। जिसको उन्होंने समतल किया। अपनी जमीन समतल करने के दौरान इन लोगों ने एक तो पानी का बहाव रोक दिया वहीं नई नदी का ही निर्माण कर दिया।अब इस नदी ने सरकार द्वारा हाल ही में बांधी गई करोड़ों रुपए की पटरी व सीमेंट के पिलर व दीवारों को तोड़ दिया क्योंकि नदी का बहाव सीधा पटरी से टकराया। अब नाम मात्र पटरी बची हुई है। अगर समय रहते यहां पटरी ने बांधी गई तो काठगढ़ समेत बिलासपुर तक दर्जनों गांव बाढ़ कि चपेट में आ जाएंगे।
वन विभाग व पंचायत मौन
किसान राम सिंह ने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत, वन विभाग व अन्य स्थानीय कर्मचारियों, अधिकारियों को इस बारे में अवगत करवाया लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी। किसान ने बताया कि सरकार की तरफ से यहां करोड़ों रुपए के बाढ़ राहत कार्य करवाए गए थे जो की वन विभाग ग्राम पंचायत व बौद्ध समुदाय के लोगों की मिली भगत से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन व सरकार को अवगत कराया कि वन विभाग, ग्राम पंचायत व बौद्ध समुदाय के लोगों ने करोड़ों रुपए के सैकड़ो वर्षों पुराने बेस कीमती पेड़ों को उखाड़ कर यहां नई नदी बनाई है। इस नई नदी से एक तरफ जहां करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया वही दर्जनों गांव के डूबने की भी आशंका पैदा हो गई है।
बिना परमिशन के काट दिया पहाड़
किसान राम सिंह ने बताया कि बिना परमिशन के पहाड़ को काटा जा रहा है। प्रकृति का नुकसान किया जा रहा है। पर्यावरण को खतरा बढ़ गया है। बौद्ध समुदाय ने स्थानीय वन विभाग से मिली भगत करके पहाड़ को समतल कर दिया यहां तक कि नई नदी निकाल दी और पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई सभी पुलिया और पुलों में जाने वाले पानी के बहाव को रोक दिया। ऐसे में साथ लगते दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
किसान ने कहा कि उक्त सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो है जल्दी ही माननीय अदालत का दरवाजाखटखटा आएंगे।
जो लिखना है लिख दें….रेंजर सढौरा
पहाड़ काटकर नदी बनाने, वर्षों पुराने बेस कीमती पेड़ों को उखाड़ने, वह लोगों द्वारा सरकारी पेड़ अपने घर ले जाने के बारे में जैसे रेंज अधिकारी साडोरा कृष्ण कुमार से बात की गई तो उनका कहना है कि मैं इस बारे में कुछ नहीं बता सकता आपने जो लिखना है आप लिख सकते हो। इस बात से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह सारा खेल रेंज अधिकारी कृष्ण कुमार की मिलीभगत से हुआ है।