Yamunanagar News : सुरक्षा के लिए बनाया तटबंध खुद ही असुरक्षित

0
91
The embankment built for safety is itself unsafe
तटबंध में दरारों से इसके सुरक्षित रहने पर सवाल

(Yamunanagar News) साढौरा। नकटी नदी के उफान से कस्बे को बचाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा बनाया गया तटबंध खुद ही असुरक्षित हो गया है। पहली ही बरसात के दौरान इस तटबंध में कई जगह गहरी दरारें आ गई हैं। वहीं इस तटबंध पर लगाए गए छोटे आकार के पत्थर बरसात के पानी की मार को न सहते हुए पानी में बह गए हैं। जिससे इस तटबंध के लंबे समय तक सुरक्षित रहने पर सवाल उठ रहे हैं। सिंचाई विभाग द्वारा देरी से जागते हुए मई के मध्य में इस तटबंध को बनाने का काम शुरु किया गया था। तब भी एक ही मशीन से काम शुरु किया गया। देरी से शुरु किए जाने के कारण जुलाई में मानसून सीजन शुरु होने तक इस तटबंध का निर्माण पूरा नहीं हो पाया था। जैसे-तैसे इस तटबंध को नदी की रेत से बनाया गया। इसके बाद बरसात शुरु होने से पहले जल्दबाजी में तटबंध पर पत्थर लगाने का काम शुरु किया गया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की निगरानी के अभाव में ठेकेदार ने नियमों की उल्लंघना करते हुए तटबंध पर बड़ी मात्रा में छोटे आकार के पत्थर लगा दिए। यही नहीं तटबंध पर लगे पत्थरों की मजबूती के लिए कहीं भी क्रेट वायर तक नहीं लगाई गई। नतीजन पहली ही बरसात में इस तटबंध पर लगे छोटे पत्थर नदी में आए पानी के बहाब में बह गए। वहीं तटबंध पर बहुत जगह पर गहरी दरारें आ गई हैं। अमित सेतिया ने कहा कि अगर इन दरारों को पाटने का काम जल्दी ही शुरु न किया गया तो अगले दिनों में होने वाली बरसातों के दौरान यह तटबंध पूरी तरह से ध्वस्त हो सकता है। उन्होंने इस तटबंध के निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की जांच की भी मांग की है।

सिंचाई विभाग द्वारा मई माह में बनाया गया यह तटबंध शुरु से ही विवादों में रहा है। नगरपालिका की चेयरपर्सन शालिनी शर्मा ने तो इस तटबंध के बनाए जाने के औचित्य पर ही सवाल उठाए थे। उनका तर्क था कि अगर तटबंध बनाने की बजाए नदी की खुदाई करवाई जाए तो कस्बे में जलभराव नहीं होगा। तटबंध बनाने की बजाए खुदाई पर लागत भी कम आती। रिटायर्ड बीईओ अख्तर अली, अमित सेतिया व सतनाम सिंह ने नदी में सरकारी जमीन पर किए गए कब्जों से हटकर बनाए जा रहे तटबंध से केवल अवैध कब्जे ही सुरक्षित होने की बात कही थी। उनका मानना है कि अगर अवैध कब्जों को हटाकर तटबंध बनाया जाता तो नदी का प्रवाह क्षेत्र का दायरा भी कम नहीं होना था।