(Yamunanagar News) यमुनानगर। अपनी इच्छाओं पर विजय पाना ही उत्तम तप धर्म माना जाता है। दशलक्षण पर्व के सातवें दिन श्री दिगंबर जैन मंदिर में नीरज जैन ने उत्तम तप धर्म के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जैन आगम में बाह और अभ्यांतर की अपेक्षा से तप के बारह भेद होते हैं। अनसन, अवमौदर्य, वृति परिसंख्यान, रस परित्याग, विविक्तशय्यासन, कायक्लेश सहित 6 बाह तप हैं। जबकि प्रायश्चित, विनय, वैयावृत्य, स्वाध्याय, व्युतसर्ग और ध्यान अंतरंग तप हैं। संयम पूर्वक किया गया तप ही श्रेष्ठ माना जाता है। इस दौरान अरुण जैन, पंकज जैन, ऋषभ जैन, राहुल जैन, गौरव जैन, मनीत जैन व सोहित जैन भी मौजूद रहे।
दशलक्षण पर्व के दौरान श्री दिगंबर जैन मंदिर में रोजाना रात को महिलाओं व बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान भगवान महावीर की शिक्षाओं पर आधारित नृत्य व गीत प्रस्तुत किए जाते हैं। शुक्रवार रात ड्राइंग प्रतियोगिता हुई। इस प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में श्रियांश जैन व रीदिमा जैन ने पहला स्थान पाया। जबकि अनिका जैन व वृष्टि जैन ने दूसरा तथा खुशी जैन व सम्यक जैन ने तीसरा स्थान पाया। जूनियर वर्ग में अयांश जैन व मन्नत जैन पहले स्थान पर रहे।