(Yamunanagar News) रादौर। शहर के जेएमआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज में सोमवार को टीसीएस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के महत्व को लेकर संस्थान के सभी छात्रों की मौजूदगी में मंथन किया गया। एआईसीटीई, दिल्ली के जागरूकता अभियान के तहत आयोजित किया गया। इस अवसर पर टीसीएस के मुख्य प्रभारी रजत सिक्का उपस्थित थे। इस दौरान जेएमआईटी के निदेशक डॉ संजीव कुमार गर्ग की गरिमामई उपस्थिति रही। कार्यक्रम में सुशील खोसला टीसीएस के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अधिकारी ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से जुड़ी प्रेजेंटेशन में उसके महत्व के बारे में बताया। उन्होंने इसके लिए महाभारत और रामायण के उदाहरण से समझाया कि कैसे सभी पात्रों ने अपना कर्तव्य निभाया।

उन्होंने भीष्म और जटायु के माध्यम से शक्तिशाली व शक्तिहीन के बारे में बताया। भीष्म शक्तिशाली होते हुए भी अपमान सहते रहे और जटायु शक्तिहीन होते हुए भी अपनी अंतर्मन की आवाज को सुनकर सीता मां को बचाने का भरसक प्रयास किया। इसलिए जटायु का नाम आज भी आदर के साथ लिया जाता है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की विभिन्न विद्याओं को समझने के लिए कई उदाहरणों के उपयोग किया। सुशील खोसला ने इंडस्ट्री 4.0 की कुछ मुख्य विद्याओं का भी जिक्र किया। उन्होंने इसके विकास की यात्रा 1974 से इंडस्ट्री 1.0 से यांत्रिक युग की शुरुआत बताई। उन्होंने आज के डिजिटल युग की विशेषताएं बताई। इस इंडस्ट्री 4.0 से व्यावसायिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया जा सकता है। डेटा को संग्रहित करना, प्रबंधित करना, और उस तक पहुंचना आसान हो जाता है।

स्केलेबिलिटी और चपलता में सुधार होता है। उन्होंने बताया कि 136 करोड़ लोगों के पर आधार कार्ड जिसकी मदद से उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हैं। यह इसी डिजिटल युग की ही देन है। इसके साथ ही इंटरनेट ऑफ थिंग्स का भी उतना ही योगदान है। उन्होंने क्रिकेट की विधा से समझाया कि इसमें थर्ड अंपायर को टेक्नोलॉजी के माध्यम से मैच का फैसला करना आसान हो जाता है। इसके साथ ही चैट जीपीटी का भी जिक्र किया कि छात्र अपने रोजमर्रा के कामों में इसका उपयोग करते हैं, जो कि आज के कंप्यूटर युग की देन है। बुनियादी ढांचे की लागत कम होती है। यही वजह है कि दुनिया की ज्यादातर कंपनियां भारत में अपना प्लांट लगाने की सोच रही हैं। आज का युग मशीन युग को पीछे गया क्योंकि इसमें रोबोट्स प्लांट में काम कर रहे हैं और डॉक्टर की सर्जरी करने में भी मदद कर रहे हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग भविष्य में विकास लाने में बहुत सहायक होंगे। सभी प्रतिनिधियों को 3000 रुपए पेटीएम के माध्यम से डाले गए ताकि वो डिजिटल पेमेंट कर सकें। सभी स्तब्ध थे ऐसी टेक्नोलॉजी देख कर। टीसीएस की टीम से रजत सिक्का ने अपने उद्बोधन में सभी छात्रों का अभिवादन किया। मंच का संचालन प्रियंका शर्मा ने किया। समारोह की प्रभारी डॉ सविता शर्मा की सहभागिता में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर सभी विभागों के अध्यक्ष डॉ गौरव शर्मा, डॉ विकास जुनेजा, डॉ गगनप्रीत कौर, अनुजा गोयल, डॉ पंकज शर्मा, डॉ उमेश सिंह, डॉ नवदीप, डॉ विकास भारद्वाज, डॉ गगनदीप चावला आदि उपस्थित रहे।

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