(Yamunanagar News) जगाधरी। सेंट लारेंस इंटरनेशनल स्कूल, पाबनी रोड़, जगाधरी व सेंट लारेंस स्मार्ट कान्वेंट स्कूल, शाहपुर रोड, बिलासपुर में ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ का पावन पर्व स्कूल की चेयरपर्सन डॉ. रजनी सहगल की अध्यक्षता मे हर्ष, उल्लास और प्रसन्नता के साथ आयोजित किया गया। कक्षा प्री-नर्सरी से कक्षा पांचवी तक के बच्चों ने कृष्ण भगवान व राधा की अनेक छवियां धारण कर पूरे हाल को सुसज्जित किया और स्कूल का पूरा हाल कृष्णमय रंग में रमा हुआ बहुत मनमोहक व आकर्षक लग रहा था ।
स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर और विख्यात् शिक्षाविद् डॉ. एमके सहगल ने अपने सन्देश में कहा कि परंपरा से टूटकर कभी भी विकास नहीं होता। परंपरा से स्टूडेंट्स को जोड़ने के लिए जरूरी है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा समाजिक कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जाए ताकि वह उसे समझें और आगे बढ़ने का प्रयास करें। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भी ऐसा ही था, जब बच्चे थे तो बचपन की शरारतें की और उसके बाद युवावस्था में पहुंचते-पहुंचते बुराई का नाश किया। जब कुरुक्षेत्र में कौरव और पांडवों का युद्ध हुआ तो कर्म और धर्म का आदेश भी भगवान श्रीकृष्ण ने ही दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म के लिए प्रेरित किया है। इसी प्रकार से जब वह राजा बने तो सुदामा के गरीब होने पर भी उनसे ठीक वैसे ही मिले जैसे बचपन में मिलते थे। उन्होंने जो भी कर्म किए वह आज के समय में सार्थक है। उनसे ज्यादा से ज्यादा प्रेरणा लेने की जरूरत है।
डॉ. रजनी सहगल ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम करने से विद्यार्थी जीवन को अपनी पौराणिक परम्पराओ से जुड़े रहने की प्रेरणा मिलती है। श्री कृष्ण ने अपनी जिंदगी में अनेक उतर चढ़ाव पार करते हुए अनेक राक्षसों का वध किया और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए समस्त समाज का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि राक्षस हमारी जिंदगी में आने वाली विपरीत परिस्थितियां के प्रतीक है। अगर हम इन परिस्थितियों को अनदेखा करते रहेंगे तो समस्याएं और बढ़ी होती चली जाएँगी और वो हमे वश में करना शुरू कर देगी। इसलिए जब कभी भी जीवन में ऐसी परिस्तिथि आए तो उससे निपटने का उपाय सोचिये। देखते ही देखते समस्याएं इतनी छोटी हो जाएंगी कि आप आराम से उन पर विजय प्राप्त कर लेंगे और उन्हें हमेशा के लिए खत्म कर देंगे। इस अवसर पर सभी पदाधिकारी एवं शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने जन्माष्टमी का प्रसाद ग्रहण किया।