(Yamunanagar News) रादौर। शहर के जेएमआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राचार्य अध्यापक सम्मेलन के छठे संस्करण का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय 21वीं सदी की शिक्षा में क्रांति लाना – शिक्षकों को आवश्यक जीवन कौशल विकसित करने के लिए सशक्त बनाना रखा गया। शिक्षण सम्मेलन में पचास से ज्यादा शिक्षण संस्थाओं के सौ से अधिक अध्यापकों ने भाग लिया। इनमे 21 स्कूल के प्राचार्य भी इस सम्मेलन से जुड़े। सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया। शशि बाठला, निर्देशक मुकन्द स्कूल्स ने मुकन्द समूह के विभिन्न विद्यालयों में उनके द्वारा विकसित कार्यप्रणाली का विस्तार से उल्लेख किया।
जिसके परिणाम स्वरूप छात्रों का सर्वांगीण विकास हुआ। इस अवसर पर उन्होने मौजूदा समय में छात्रों की उत्कृष्ट गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा के विभिन पहलुओं के प्रति जागरूक होने और गुणवत्ता में खरी उतरने वाली शिक्षण प्रणाली को अपनाने की बात कही। मुख्य वक्ताओं मे डॉ. रमेश कुमार महासचिव मुकंद संस्थान प्रबंधक समिति, डॉ संजीव गर्ग निर्देशक जेएमआईटी, डॉ विवेक शर्मा निर्देशक जेएमआईईटीआई, मुकन्द स्कूलों की निर्देशक शशि बाठला, निदेशक मुकंद स्कूल्ज, मिस अनिता चौधरी, प्रोजेक्ट मैनेजर, बर्लिंगटन इंग्लिश, गुरुग्राम, मिस नीलिंदरजीत कौर, निदेशक, एसडी विद्या, अम्बाला ने अपने-अपने विचारों से संबंधित प्रयोगात्मक विधाओं को लेकर मंथन किया। साथ ही इस आवश्यकता पर जोर दिया गया कि आज की शिक्षण प्रक्रिया में बदलाव आवश्यक है। कॉलेज के निदेशक डॉ एसके गर्ग ने मौजूदा समय में नई शिक्षा नीति के उन्मूलन व क्रियान्वयन के संदर्भ में आने वाली चुनोतियों के बारे में अपने विचार रखें। औद्योगिक क्रांति के चौथे संस्करण पर अपने विचार सांझा किए व उन्होंने समार्ट शिक्षा के माध्यम से मानसिक विकास पर बल दिया। उन्होंने छात्रों को प्रतिस्पर्धी बनाने की भी बात कही।
नीलिंदरजित कौर, निदेशक एसडी विद्या, अम्बाला ने अपने विद्यालय में कोरोना और उससे पहले आई चुनौतियों का विवरण देते हुए अपने संस्थान के अनुभवों को साझा किया। वहीं बीआर इंटरनेशनल स्कूल कुरुक्षेत्र की वाइस प्रिंसिपल मीनाक्षी वर्मा ने अपने विद्यालय में विद्यार्थियों को समस्याओं संबंधी, सामाजिक, नैतिक मूल्यों एवम् अनुभवों से सिखाए जाने की अपनी पद्धति को सबके साथ सांझा किया। डीपीएस यमुनानगर से आए हुए प्रतिनिधि ने बताया कि इस बदलते दौर में सभी में बदलाव की असंख्य संभावनाएं हैं। डॉ. जया मल्होत्रा ने अपने उद्बोधन में बताया कि जीवन में दक्षता और प्रभावशीलता का अपना महत्व है। जेएमआईईटीआई के निदेशक डॉ विवेक शर्मा ने जीवन में स्वरोजगार तथा कौशल के विकास और उपयोगिता के महत्व को सबके साथ सांझा किया। सम्मेलन में मंच संचालन मिस प्राची सेठ एवं काजल गौर ने किया। सम्मेलन की रूपरेखा डॉ जया के साथ साथ प्राध्यापिकाओ प्रियंका शर्मा, श्वेता, मेधा मंधार, डॉ मोनिका चौधरी व मोनिका साहनी द्वारा तैयार की गई।