(Yamunanagar News) साढौरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा कस्बे में पथ संचलन किया गया। पथ संचलन का कई जगह पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया। पथ संचलन डीएवी स्कूल से शुरू होकर बस स्टैण्ड, थाना वाली गली व मुख्य बाजार से होता हुआ डीएवी स्कूल पर ही संपन्न हुआ। संघ की स्थापना के 99वें वर्ष के उपलक्ष्य में डीएवी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में समाजसेवी धर्मपाल सैनी कार्यक्रम अध्यक्ष शामिल हुए। साथ ही शस्त्र पूजन भी किया गया फिर शहर में पथ संचलन निकाला गया।
इस दौरान संघ ने एकजुटता और देश की अखंडता का संदेश भी दिया। पथ संचलन में घोष और घोष दंड शामिल थे। पथ संचलन में सभी स्वयंसेवक हाथों में दंड लिए कदमताल मिलाते हुए चल रहे थे। इस बार पथ संचलन में पूर्ण गणवेश में शामिल व्हील चेयर पर विकलांग रवि साढौरा भी शामलि रहा। पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों को देखकर पथ संचलन देखने के लिए सडक़ के दोनों तरफ लोग खड़े रहे।
जहां पर लोगों ने स्वयंसेवकों को जगह-जगह पुष्पवर्षा से भव्य स्वागत किया गया। पथ संचलन में सभी 9 मंडलों से सैकड़ों स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में शामिल हुए। इस अवसर पर स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए अम्बाला विभाग सेवा प्रमुख भूवनेश ने कहा कि संघ राष्ट्र सेवा को समर्पित लोगों का सामाजिक संगठन है।
संघ की स्थापना पूज्नीय डा.बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजय दशमी के दिन नागपुर में की थी। संघ से शिक्षित हजारों समर्पित प्रचारकों द्वारा संघ को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया गया। आज संघ का कार्य विदेशों में भी जारी है। इन्हीं समर्पित लोगों की त्याग तपस्या से आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन बन चुका है।
खण्ड कार्यवाह जसवंत ने बताया कि संघ से शिक्षा दीक्षा पाकर स्वयंसेवक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में समर्पित भाव से कार्य कर रहे है। संघ की विचारधारा से जुड़े अनेक संगठन अपने-अपने क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहे है। संघ की सबसे छोटी इकाई इसकी नियमित लगने वाली शाखा है। संघ की शाखा से ही स्वयंसेवक का शारीरिक एवं मानसिक निर्माण होता है। संघ से ही प्रेरणा पाकर वह राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करता है।
इस मौके पर खण्ड संघ चालक मनीष गर्ग, सह जिला कार्यवाह भूपेश, सह खण्ड कार्यवाह रामकरण ताश व रिषभ जैन, जिला प्रचारक योगेश, खण्ड शारीरिक प्रमुख तुषार, खण्ड बौद्धिक प्रमुख अनिकेत, वरिष्ठ स्वयंसेवक ब्रहमप्रकाश अत्री, सुमत जैन, सोमप्रकाश शर्मा, नवीन भसीन, तेजपाल धीमान, पवन सैनी, अवध बिहारी, कुलवंत सैनी, वजीर चंद व सचदेव चुघ सहित स्वयंसेवक मौजूद थे।
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