(Yamunanagar News) साढौरा। प्रशासन द्वारा अवैध कब्जे करने वालों पर नकेल न कसे जाने का फायदा उठाते हुए नदी प्रवाह क्षेत्र में निरंतर नए कब्जे हो रहे हैं। यही नहीं कस्बे में जलभराव रोकने के लिए बनाए गए तटबंध पर ही कुछ लोगों ने झुग्गियां बनाकर अवैध कब्जा कर लिया है।
नकटी नदी में निरंतर हो रहे अवैध कब्जों को रोकने के लिए मंगलवार को समाजसेवी अमित सेतिया ने सैकड़ों लोगों के साथ बीडीपीओ कार्यालय के प्रांगण में धरना प्रदर्शन किया। बीडीपीओ कार्तिक चौहान की गैर मौजूदगी में ग्राम सचिव भूपेन्द्र सिंह ने प्रदर्शकारियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए समझाने का प्रयास किया। लेकिन प्रदर्शनकारी मौके पर बिलासपुर के एसडीएम जसपाल गिल को बुलाने की मांग पर अड़ गए। लगातार 5 घण्टे चले धरना प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार कुलदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। नायब तहसीलदार कुलदीप सिंह ने इस ज्ञापन को उच्चाधिकारियों के समक्ष रखकर अवैध कब्जाधारियों के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाने का आश्वासन दिया। तब जाकर प्रदर्शनकारियों ने धरना समाप्त किया।
बाइपास मार्ग पर नदी प्रवाह क्षेत्र में नगरपालिका व साढौरा नदीपार पंचायत की बेशकीमती जमीनें : अमित सेतिया
अमित सेतिया ने बताया कि बाइपास मार्ग पर नदी प्रवाह क्षेत्र में नगरपालिका व साढौरा नदीपार पंचायत की बेशकीमती जमीनें हैं। लेकिन यहां हो रहे अवैध कब्जों को हटाने के लिए न तो नगरपालिका और न ही साढौरा नदीपार पंचायत द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है। नतीजन अवैध कब्जा करने वालों के हौंसले बुलंद होने से यहां धड़ल्ले से निरंतर कब्जे हो रहे हैं। नए अवैध कब्जे करने वालों का तरीका वही पुराना ही है। यानि कब्जा करने की शुरुआत सरकारी जमीन पर पहले बल्लियों या झाडिय़ों से बाड़ करने से होती है। इसके बाद कब्जाई हुई जमीन पर बाद में चारदीवारी कर दी जाती है। तब भी किसी ने न रोका तो पहले छान और उसके बाद पक्का निर्माण करके इस अवैध कब्जे को स्थाई बना दिया जाता है।
अमित सेतिया का आरोप है कि अवैध कब्जे करने वालों को इस कदर राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है कि अवैध कब्जे की जगह पर उन्हें बिजली व पानी का कनैक्शन हासिल होने के अलावा अवैध कब्जों की जगहों पर स्ट्रीट लाइट तक उपलब्ध हो जाती है। कुछ दुस्साहसी लोग तो यहां अवैध कब्जे करने के बाद इन कब्जाई हुई जमीनों को बेचने के धंधे में भी लगे हुए हैं। नकटी नदी के उफनते पानी से कस्बे में जलभराव रोकने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा बनाया गया जलभराव रोकने में बेशक विफल रहा हो लेकिन इस तटबंध के कारण अवैध कब्जे करने वालों को जरुर राहत मिली है।
दरअसल सिंचाई विभाग ने नगरपालिका से तालमेल किए बगैर ही यह तटबंध अवैध कब्जों की जगह से हटकर बनाया। जिसकी वजह से नदी का प्रवाह क्षेत्र पहले से और अधिक संकरा हो गया। जिसकी वजह से नदी से निकासी कम हो गई। इस तटबंध के कारण अवैध कब्जे जरुर सुरक्षित हो गए। तटबंध की सुरक्षा दीवार मिलने के बाद से ही नदी प्रवाह क्षेत्र में अवैध कब्जे करने वालों की हौंसले बुलंद हुए है। इस जगह की सही निशानदेही न होने के कारण नगरपालिका और साढौरा नदीपार पंचायत दोनों ही अपनी जिम्मेवारी से टल रहे हैं।
इस तरह दोनों ही बेशकीमती सरकारी जमीनों पर पहले हुए कब्जों को हटाने या फिर अब नए हो रहे अवैध कब्जों को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। अमित सेतिया ने बताया कि इस तटबंध के आसपास के किए गए अवैध कब्जे हटाकर तटबंध चिन्हित जगह पर बनाया जाना चाहिए था। अगर समय रहते प्रशासन द्वारा इस तटबंध को दोबारा चिन्हित जगह पर न बनाया गया तो आगामी मानसून में कस्बे में एक बार फिर से जलभराव होगा। प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा कस्बे के लोगों को भुगतना पड़ेगा। अमित सेतिया ने चेताया कि अगर प्रशासन द्वारा नकटी नदी के प्रवाह क्षेत्र से अवैध कब्जे न हटाए गए तो जल्दी ही रणनीति बनाकर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इस मौके पर श्री श्याम गौशला के महंत शोभादास, बृजपाल छप्पर, रामकुमार निजामपुर, धर्मपाल सैनी, सचदेव चुघ, नरेश बख्शी, विकास कुमार, देवेन्द्र लवली, कुलविन्द्र सिंह चड्ढा, मनीराम सैनी, अमित वर्मा, राजेश कुमार, सतपाल शर्मा, लेखराम, दिनेश राणा, जसवंत सिंह, नैब सैनी, शिव चरण, सोहन लाल व फूल कुमार मौजूद थे।
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