Yamunanagar News : शहीदी दिवस पर शहर के मदनलाल ढींगरा चौक पर आयोजित कार्यक्रम

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Program organized at Madanlal Dhingra Chowk of the city on Martyrdom Day
रादौर में शहीद मदनलाल ढींगरा के चित्र पर पुष्प अर्पित करते स्थानीय लोग।

(Yamunanagar News) रादौर। शहीद मदनलाल ढींगरा भारत माता के सच्चे सपूत थे। उन्होंने डटकर अंग्रेजों की गुलामी का विरोध किया। केवल 22 वर्ष की आयु में अंग्रेजों ने उन्हें फांसी की सजा देकर शहीद कर दिया। ऐसे महान शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें अपने देश के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह शब्द पंजाबी सभा रादौर के प्रधान अशोक गुंबर ने शहीद मदनलाल ढींगरा के शहीदी दिवस पर शहर के मदनलाल ढींगरा चौक पर आयोजित कार्यक्रम में कहे। उन्होंने कहा कि मदनलाल ढींगरा का जन्म 1887 में अमृतसर में हुआ था। उन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया।

 

उन दिनों लंदन भारत के क्रांतिकारियों का केन्द्र था। शाम जी कृष्ण वर्मा, विनायक दामोदर सावरकर भी वहीं पहुंचे हुए थे। उन्होने बताया कि श्यामजी कृष्ण वर्मा ने इंडिया होमरूल सोसायटी की स्थापना की थी। मदनलाल ढींगरा इंडिया हाऊस में अधिक दिन नहीं रहे, परंतु मदनलाल के मन में अंग्रेजों के प्रति आक्रोश उत्पन्न हो गया था। वहीं से उन्होंने क्रांतिकारियों का साथ देना शुरू किया। एक जुलाई 1909 को मदनलाल ने एक समारोह में कर्जन वायली का गोली मार दी। जिससे कुछ दिनों बाद उसकी मृत्यु हो गई। मदनलाल को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर मुकदमा चला। जिसके बाद उन्हें फांसी की सजा दे दी गई। इस अवसर पर प्रधान अशोक गुंबर, एमसी भगवतदयाल कटारिया, सुशील बत्रा, घनश्याम दास मनचंदा, राजकुमार शर्मा, चारूल वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।