(Yamunanagar News ) यमुनानगर। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक राजीव देसवाल की अध्यक्षता में गत शुक्रवार को जिला सचिवालय स्थित मीटिंग हॉल में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिला उप न्याय वादी सुधीर कुमार ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक लेकर उन्हें माननीय न्यायालय में वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिये भी गवाही देने की प्रक्रिया बारे बताया व समझाया गया। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों को तकनीकी, कानूनी और व्यावहारिक पहलूओं पर गहन जानकादी दी, ताकि वे इस प्रक्रिया को सुगमता से अपनाकर गवाही प्रस्तुत कर सकें। इस बैठक में जिला पुलिस के सभी डीएसपी, सभी थाना प्रभारी, सभी चौकी इंचार्ज व जिला के ज्यादातर अनुसंधानकर्ता हाजिर रहे।
ऑनलाइन गवाही के लिए थानों में बनाए रिमोट पांइट रूम
जिला उप न्याय वादी सुधीर कुमार ने बताया कि एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो चुके है। नए कानूनों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में यह व्यवस्था भी की गई है कि माननीय न्यायालय में वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिये भी गवाही हो सकेंगी। जिससे गवाह बिना कोर्ट में उपस्थित हुए डिजीटल माध्यम से गवाही दे सकता है। इस नई व्यवस्था से पुलिसकर्मियों को गवाही के लिए माननीय न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से जाने की आवश्यकता नहीं होगी। जिससे उनका समय बचेगा और वे अपनी अन्य जिम्मेंदारियों पर भी अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब कोई भी अधिकारी कर्मचारी अपनी गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही देगा।
पुलिस अधीक्षक राजीव देसवाल ने बताया कि ऑनलाइन गवाही के लिए जिला के सभी थाना में रिमोट प्वाइंट रूम तैयार किये गए है। इसमे टीवी स्क्रीन,स्पीकर, माइक, कैमरा, टेबल, कुर्सी इत्यादी की व्यवस्था की गई है। पुलिसकर्मी अब रिमोट प्वाइंट रूम में बैठकर अपनी गवाही डिजीटल तरिके से विडियों कॉन्फ्रेस के माध्यम से माननीय न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कदम खासतौर पर पुलिसकर्मियों के लिए राहत प्रदान करेंगा, जो अक्सर माननीय न्यायालय में गवाही देने के लिए लंबी दूरी यात्रा करते है और इससे उनके कामकाजी घंटे प्रभावित होते थे।
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक ने जिला के अनुसंधानकर्ताओं को नए कानून के मुताबिक अनुसन्धान करने तथा साक्ष्य एकत्रित करने के बारे में विस्तार से समझाया। पुलिस अधीक्षक ने सीन ऑफ़ क्राइम की एसओपी के अनुसार कारवाई करने के प्रेरित किया। पुलिस अधीक्षक ने ई-साक्ष्य एप का प्रयोग करने, मौका से मिले साक्ष्यों को सही तरीके से पैक करने तथा नए कानून के अनुसार विडियो बनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें नए कानून के अनुसर सर्च एंड सीज़र के फार्मूले को अपनाकर उस पर अमल करने चाहिए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि न्यायलय मे चालान देने से पहले अच्छे से चैक करवाकर ही दें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अदालत में चालान देते समय आरोपी के खिलाफ कितने और कहां- कहां मामले दर्ज हैं यह जानकारी जरूर दर्ज करनी चाहिए।
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