Yamunanagar News : सेंट लारेंस इंटरनेशनल स्कूल में पौधों से जीवन समारोह धूमधाम से मनाया गया : डॉ रजनी सहगल 

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Plants to Life Festival was celebrated with great pomp at St. Lawrence International School

(Yamunanagar News) यमुनानगर। सेंट लारेंस इंटरनेशनल स्कूल, पाबनी रोड़, जगाधरी व् शाहपुर रोड बिलासपुर में स्कूल की चेयरपर्सन डॉ. रजनी सहगल की अध्यक्षता में वनमहोत्सव पौधों से जीवन का समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. एमके सहगल, चेयरपर्सन डॉ. रजनी सहगल के दिशा निर्देशन में स्कूल प्रांगण में विद्यार्थियों द्वारा विविध प्रकार के पौधों का रोपण किया गया।अध्यापकों व बच्चो द्वारा  दोनों विद्यालयों में 251 पोधें लगाये गये जो भारत माता, शहीदों, सैनिकों व माता-पिता को समर्पित किये गये।

विख्यात  शिक्षाविद डॉ. एमके सहगल ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रकृति सदैव से ही मानव की सहचरी रही है लेकिन मानव ने जब से प्राकृतिक सम्पदा का आवश्यकता से अधिक दोहन किया है, तब से भयंकर कठिनाई उत्पन्न हो गयी है। डॉ. सहगल ने कहा कि वृक्ष औषधियों का भण्डार होते हैं। जामुन, अमरूद, आँवला, नीम, बरगद ऐसे वृक्ष हैं जिनका उपयोग और महत्व अपरिमित है। हमारे शास्त्रों में आंवला, पीपल और बरगद को देवता तुल्य मानकर उनकी पूजा भी की जाती है। श्रीमद भगवदगीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि वृक्षों में ‘पीपल’ मैं ही हूँ। यदि हम लकड़ी प्राप्त करने के लिए स्वार्थी बनकर वृक्षों का कटान इसी प्रकार करते रहे तो आने वाले समय में हर व्यक्ति प्रदूषण से बचने के लिए और स्वच्छ ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए तरस जायेगा। यह सोचकर हमें जंगलों की रक्षा करनी है और नये-नये पौधे उगाने चाहिए और उनकी तब तक परवरिश करनी चाहिए जब तक वे पेड़ समर्थ नहीं हो जाते।

इस अवसर पर डॉ. रजनी सहगल ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए अनिवार्य तत्व हैं। प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। आधुनिक समय में वायुमंडल इतना विषैला हो गया है कि भीड़ भरे चौराहे पर साँस लेना  दुर्लभ होता जा रहा है। जब तक देश में घने जंगल थे, प्रकृति में चहुँ ओर हरितिमा थी उस समय तक हमें जल और वायु दोनों ही शुद्ध रूप में प्राप्त होते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। दूर-दूर तक पृथ्वी वृक्ष विहीन हो गयी है। घने जँगलों को स्वार्थी और लालची लोगों ने काट फैंका है, हम प्राकृतिक साधनों का दोहन करने में लगे हुए हैं। परिणामस्वरूप प्रदूषण नित्यप्रति बढ़ता ही जा रहा है। आज बड़े शहरों में तो शुद्ध जल और वायु को लोग तरस रहे हैं। अत: हमें चाहिए कि अधिक से  अधिक पौधारोपण करें जिससे मोटर गाडिय़ों, घरों व कारखानों से निकली कार्बन डाइआक्साडड़ को वृक्ष अवशोषित कर सकें और हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान कर सके।

इस अवसर पर सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भी वृक्षारोपण किया। साथ साथ  कक्षा अध्यापिकाओं द्वारा विद्यार्थियों को जागरूक बनाने के लिए स्मार्ट कक्षाओं द्वारा विविध प्रकार के वृक्षों की महत्ता को प्रदर्शितकिया गया। जिससे विद्यार्थियों में वनमहोत्सव के संस्कार पैदा हो सकें एव वह अपने द्वारा रोपित पोधो का सरंक्षण भी करे ।

निदेशक, प्रधानाचार्य व उप-महा-प्रबंधको ने वृक्षों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वृक्ष अपनी जड़ों के माध्यम से पृथ्वी के जल को अवशोषित करके वाष्पीकरण की क्रिया द्वारा वर्षा कराने में सहायक होते हैं। इस अवसर पर सभी शिक्षक और शिक्षणेतर सदस्य उपस्थित रहे।

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