Yamunanagar News : एक पेड़ मां के नाम जरूर लगाएं : डीसी 

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Plant a tree in the name of your mother: DC
(Yamunanagar News) यमुनानगर। डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा  पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण से बचाव के उद्देश्य से दो महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की है। इसमें वन मित्र और एक पेड़ मां के नाम योजना शामिल है। वन मित्र गड्ढे खोदकर पेड़ लगाने के साथ-साथ उसका संरक्षण भी करेंगे। इस कार्य के लिए उन्हें प्रति पेड़ के हिसाब से सरकार द्वारा 20 रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह एक पेड़ मां के नाम योजना के तहत लोगों द्वारा लगाए गए पेड़ों को संरक्षण के लिए वन मित्रों को सौंपा जाएगा। इस काम के लिए सरकार द्वारा वन मित्रों को प्रति पेड़ के हिसाब 10 रुपये दिए जाएंगे।
उन्होंने  बताया कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक पेड़ मां के नाम से एक अनूठे अभियान की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जितना सम्मान हम अपनी जन्म देने वाली मां को देते हैं, उतना ही सम्मान हमें हमारा पालन पोषण करने वाली धरती मां को भी देना होगा। अपनी मां के नाम पौधा लगाने से मां का तो सम्मान होगा ही, साथ ही धरती मां की भी रक्षा होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश को हरा-भरा बनाकर प्रदूषण मुक्त करने के लिए कृतसंकल्प है। इसी के तहत आज एक पेड़ मां के नाम योजना का हरियाणा में भी विधिवत रूप से शुभारंभ किया गया है।

हर परिवार एक पेड़ जरूर लगाने का किया आह्वान

उन्होंने कहा कि ने कहा दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण चिंता का विषय है। इस वर्ष हरियाणा में भी कई जिलों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। आसमान में प्रदूषण और धरती पर तापमान का निरंतर बढ़ना चिंता का विषय है। उन्होंने अपील की है कि हर परिवार कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाए। इसके साथ-साथ यह संकल्प भी लें कि अपने बच्चे के जन्मदिन पर, विवाह की वर्षगांठ के अवसर पर या किसी खुशी के अवसर पर पेड़ लगाकर अपनी खुशी को यादगार बनाएं।

75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के रखरखाव के लिए दी जाती है 2750 रुपये की पेंशन

उन्होंने  कहा कि सरकार ने 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्राणवायु देवता पेंशन योजना शुरू की है, जिसके तहत वृक्षों के रखरखाव के लिए 2750 रुपये प्रति वर्ष प्रति पेड़ पेंशन का प्रावधान किया है। इसी तरह से प्रदेश में हर गांव पेड़ों की छांव, पौधगिरी तथा हर घर हरियाली जैसी योजनाएं सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं।