(Yamunanagar News) रादौर। शहर के ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी में एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन की थीम स्कूल से स्टार्टअप्स तक युवा मनों को नवोन्मेष के लिए प्रेरित करना थी, जिसका उद्देश्य युवा छात्रों को रचनात्मक सोच और उद्यमिता की ओर प्रेरित करना था। इस आयोजन को हरियाणा राज्य विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी परिषद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय, हरियाणा सरकार और सोसाइटी ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च द्वारा प्रायोजित किया गया था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संजीव चावला, एडीसी, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने उद्यमिता के अनुभवों को साझा किया। छात्रों को स्टार्टअप सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। अतिथियों में डॉ. शशि आलोक, सोसाइटी ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी, प्रिंसिपल प्रो. डॉ. कुमार गौरव, गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ फार्मेसी यमुनानगर व डॉ. प्रतीक शर्मा गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ फार्मेसी कांगड़ा शामिल थे। जिन्होंने युवा उम्र से ही उद्यमिता कौशल को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर दिया। प्रमुख वक्ताओं में डॉ. वनीश कुमार, नेशनल एग्री-फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, चंडीगढ़, डॉ. राहुल तनेजा, हरियाणा सरकार ने खाद्य संदूषण की पहचान के लिए नैनो बायोसेंसर और फार्मास्यूटिकल उद्योग में नवोन्मेष और बौद्धिक संपदा अधिकारों की भूमिका पर मूल्यवान विचार प्रदान किए। कॉलेज के चेयरमैन सीए संजय जिंदल व वाइस चेयरपर्सन मिस इंदु जिंदल ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की। युवा नवप्रवर्तकों का समर्थन करने के संस्थान के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की। डॉ. अश्वनी ढींगरा, प्रिंसिपल, ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी रादौर ने सभी सम्मानित अतिथियों, वक्ताओं, संसाधन व्यक्तियों, प्रतिभागियों और आयोजन समिति के सदस्यों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। डॉ. नेहा यादव (आयोजन सचिव) और डॉ. स्मिता नारवाल (समन्वयक) ने कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया।