(Yamunanagar News) जगाधरी। महान सिख योद्धा बाबा दीप सिंह का जन्म दिवस श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। सिविल लाइन पर बाबा फूड जंक्शन व बाबा दीप सिंह सेवा दल यमुनानगर-जगाधरी की ओर से चाय व ब्रेड-पकौडों का लंगर लगाया गया। जिसमें सैंकडों श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
1682 में बाबा दीप सिंह का जन्म अमृतसर जिले के पहुविंड गांव हुआ
मुख्य सेवादार शेर सिंह ने बताया कि 1682 में बाबा दीप सिंह का जन्म अमृतसर जिले के पहुविंड गांव हुआ था। उन्होंने बताया कि बाबा दीप सिंह दमदमी टकसाल के पहले जत्थेदार थे। 12 साल की उम्र में बाबा दीप सिह जी अपने माता-पिता के साथ आनंदपुर साहिब गए थे। वहां बाबा दीप सिंह की मुलाकात सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी से हुई। बाबा दीप सिंह जी ने वहां रुक कर सेवा की और गुरु गोविंद सिंह जी के कहने पर उनके माता-पिता उनको वहां छोड़ कर चले गए। बाबा दीप सिंह सिखों के ऐसे योद्धा थे, जिनका नाम आज भी शूरवीरों की लिस्ट में सबसे उपर आता है। 1709 में, बाबा दीप सिंह सधौरा की लड़ाई और छप्पर चिरी की लड़ाई के दौरान बंदा सिंह बहादुर में शामिल हो गए। 1733 में, नवाब कपूर सिंह ने उन्हें एक सशस्त्र दस्ते का नेता नियुक्त किया।
1748 की वैशाखी को अमृतसर में सरबत खालसा की बैठक में दल खालसा के 65 जत्थों को बारह मिस्लों में पुनर्गठित किया गया था। बाबा दीप सिंह को शहीद मिस्ल का नेतृत्व सौंपा गया था। अप्रैल 1757 में, अहमद शाह दुर्रानी जब बंदियों को लेकर काबुल जा रहा था, तो कुरुक्षेत्र के पास बाबा दीप सिंह के दस्ते ने बड़ी संख्या में कैदियों को मुक्त कराया था। अमृतसर में 1757 में सिखों व अफगानों की लडाई में बाबा दीप सिंह वीरगति को प्राप्त हुए थे। लंगर के सफल आयोजन में अमरजीत सिंह, नितिन, साहिब सिंह, परमजीत सिंह, जतिन, रविंद्र सिंह ने सहयोग दिया।
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