Yamunanagar News : प्रभु प्रेम में बाधाएं : रॉकी शर्मा

0
81
Obstacles in the love of God Rocky Sharma

(Yamunanagar News) यमुनानगर। महात्मा मंगत राम मार्ग स्थित संगत समतावाद के मुख्यालय परिसर में तीन दिन चलने वाले 96वें वार्षिक समता सत्संग सम्मेलन के दूसरे दिन, 19 अक्टूबर 2024 को विशाल समता सत्संग में देश-विदेश से आए अनुयायियों की सेवा में वरिष्ठ वक्ताओं द्वारा विचार प्रस्तुत किए गए।

अमेरिका से पधारे रॉकी शर्मा ने प्रभु प्रेम में आने वाली बाधाओं के सन्दर्भ में चेताया कि जीव के गर्भ में आने का मूल कारण अहंकार है। शरीर की सुंदरता, अपने धन, बल या संबंधों पर अधिक भरोसा, मान बडाई की चाहना, कर्ता पन का भाव होना इत्यादि, अहंकार ही हैं जो किसी भी रूप में अंदर प्रगट हो सकता है।

इन के वशीभूत मनुष्य मोह माया, भोग विलास, विषय विकारों में ग्रसित हो जाता है और लोभ कपट से भी परहेज नहीं कर पाता। यदि पांच विकारों से प्रेरित केवल सोना खाना-पीना भोग क्रियाएं ही रही तो मनुष्य जन्म पाकर भी पशु के समान जीवन रह गया। ऐसा व्यक्ति शारीरिक सुख भले ही प्राप्त कर ले लेकिन गुरु कृपा, प्रभु प्रेम से वंचित रह जाता है और हर समय अशांत रहता है।

84 लाख भोग योनियों में केवल मनुष्य कर्म प्रधान भी है इसमें विचार की शक्ति अधिक है और कर्मों की स्वतंत्रता भी। मनुष्य जीवन का उद्देश्य केवल भगवत प्राप्ति है और मन की चंचलता को समाप्त कर बुद्धि से सत कर्मों की ओर अग्रसर होना है। जीवन यापन के लिए सतगुरु महात्मा मंगत राम जी के दिए सिद्धांत सादगी, सेवा, सत, सत्संग और सत सिमरन जीवन में ढालना और सब जीवों से प्रेम रखना वास्तविकता में प्रभु का असीम प्रेम और चिरकाल तक शांति प्राप्त करने ही के साधन है जो मनुष्य जीवन का सच्चा लक्ष्य है।

यह भी पढ़ें: Kurukshetra News : क्षत्रिय संघर्ष समिति ने श्याम सिंह राणा के मंत्री बनने पर मुख्यमंत्री का जताया आभार