- प्रसिद्ध, ऐतिहासिक एवं धार्मिक तीर्थराज कपाल मोचन मेला पूर्ण श्रद्धा, उल्लास के साथ हुआ आयोजित
- जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को तीर्थराज श्री कपाल मोचन मेला यात्रा व गुरु पर्व की शुभकामनाएं दी
(Yamunanagar News) यमुनानगर। प्रसिद्ध, ऐतिहासिक एवं धार्मिक तीर्थराज कपाल मोचन मेला पूर्ण श्रद्धा, उल्लास और क्षेत्र की महिमा के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से 11 नवम्बर से 15 नवम्बर 2024 तक आयोजित हुआ। देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्घालुओं ने तीनों सरोवरों में स्नान किया और वहां पर स्थित सभी गुरुद्वारों में माथा टेका और मंदिरों में पूजा अर्चना की।
इस पवित्र धाम पर स्थित कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर व सूरज कुण्ड में विभिन्न राज्यों से आए अलग-अलग धर्मों के श्रद्धालुओं ने 14 नवम्बर की रात्रि को 12 बजे के उपरांत शुरू हुई कार्तिक मास की पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य स्नान आरम्भ किया। मेले में आए विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु तीनों सरोवरों में स्नान करने के लिए एक दूसरे का पल्लू पकड़ कर अपनी रक्षा पंक्ति बनाकर एक सरोवर से दूसरे सरोवर की ओर बढ़ रहे थे। यह दृश्य बड़ा ही मनोहारी था, क्योंकि प्रत्येक श्रद्धालु ने प्रत्येक सरोवर पर स्नान करने से पूर्व दीप जलाकर मन्नतें मांगी व पहले मांगी गई मन्नतों के पूर्ण होने पर पूजा-अर्चना की ।
मंदिरों, गुरुद्वारों और तीनों पवित्र सरोवरों के घाटों पर प्रशासन द्वारा लगाए गए बल्ब व लडियां काफी मनोहारी थी। श्रद्धा का आलम यह था कि लोग सर्दी के बीच भी तीनों सरोवरों में स्नान कर रहे थे। मेला कपाल मोचन में श्रद्घा, भक्ति और विश्वास का यहां अदभूत नजारा देखने को मिला, कुछ परिवार छोटे-छोटे बच्चों के साथ सर्दी में स्नान कर रहे थे। श्रद्धालुओं में श्रद्धा का जज्बा इतना ज्यादा था कि उन्हें केवल यह सब पूजा की भांति लग रहा था। इनमें से बहुत से श्रद्धालु ऐसे भी थे जो किसी न किसी मन्नत के पूरा होने पर यहां आए थे क्योंकि कपाल मोचन का मेला इस बात के लिए भी प्रसिद्ध है कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है और मुराद पूरी होने पर श्रद्धालु को इन सरोवरों में स्नान अवश्य करना पड़ता है। प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए थे। देश के विभिन्न भागों एवं पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश आदि प्रदेश के नजदीक लगते जिलों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
प्राचीन काल से ही देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों, सूफी-संतों व गुरुओं की धरती रहे कपाल मोचन तीर्थ राज की यात्रा करने में विभिन्न धर्मों एवं सम्प्रदाय के लोगों की एक विशेष आस्था है। ऐसी मान्यता है कि कपाल मोचन सरोवर में स्नान करने से मनुष्य के जन्मों-जन्मों के पाप धुल जाते हैं। ऋण मोचन सरोवर में स्नान करने से मनुष्य सभी प्रकार के ऋणों से मुक्त हो जाता है और सूरज कुण्ड सरोवर में स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कपाल मोचन तीर्थ के तीनों प्रसिद्ध एवं धार्मिक सरोवर मानव जाति को अन्न, धन व वैभव देने वाले माने जाते हैं ।
कपाल मोचन के पवित्र सरोवरों में स्नान करने वाले लाखों श्रद्धालु ऐसे भी थे, जो पिछले कई वर्षो से लगातार यहां आ रहे हैं और उन्हें उनकी श्रद्धा का फल भी मिला है, इसलिए यहां प्रत्यक्ष को प्रमाण जैसी ही बात है।
गुरु गोविंद सिंह जी के द्वारा भगानी की लड़ाई के बाद यहां 52 दिन विश्राम करने के कारण सिख श्रद्धालुओं के लिए यह स्थान उतना ही पवित्र व पुण्य देने वाला माना जाता है, जितना कि हिंदुओं में भगवान श्री राम व श्री कृष्ण के यहां रुकने के कारण उनकी विशेष आस्थाओं का प्रतीक है। यह स्थान हिन्दू, सिख व मुस्लिम एकता का अनूठा तीर्थ स्थान है। श्रद्घालुओं ने पंच स्नान करने के लिए इस बार 11 नवम्बर से ही जिस तेज गति से इस पवित्र धाम में आना शुरू कर दिया था और 14 नवम्बर रात्रि को 12 बजे के बाद कार्तिक मास की पूर्णिमा शुरू होते ही तीनों सरोवरों में स्नान व पूजा अर्चना के पश्चात उसी गति से मेले से वापिस लौटना शुरू कर दिया। गत रात्रि 12 बजे से ही पूरे मेला क्षेत्र में भीड़ अपने पूरे उफान पर थी तथा यह उफान आज दोपहर बाद तक जारी रहा और आज पूरे दिन भी आस-पास के क्षेत्रों से आए स्थानीय हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवरों में स्नान किया।
पांच दिनों तक मेला कपाल मोचन में मेला मुख्य प्रशासक एवं उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार के दिशा निर्देशन में मेला प्रशासन द्वारा हर दृष्टि से व्यापक प्रबंध किए गए थे। मेला प्रशासक एवं बिलासपुर के एसडीएम जसपाल सिंह गिल ने पूरे मेला क्षेत्र का जायजा लिया और समस्त जिला प्रशासन पूरी रात मेला क्षेत्र में स्थित प्रशासनिक खण्ड में मौजूद रहा। रात्रि के 12 बजे के बाद जब श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवरों में स्नान करना शुरू किया तो पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारियों ने तीनों सरोवरों पर स्वयं जाकर प्रबंधों का निरीक्षण किया। मुख्य मेला प्रशासक एवं उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार व मेला प्रशासक एवं एसडीएम जसपाल सिंह गिल ने मुख्य स्नान के समय श्रद्घालुओं को अपनी शुभकामनाएं दी कि वह जिस भावना एवं मनोकामना से इस पवित्र तीर्थ स्थल पर आएं है, उनकी वह मनोकामना शीघ्र पूर्ण हो।