(Yamunanagar News) यमुनानगर। संत निरंकारी मिशन के ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ परियोजना के तीसरे चरण में रविवार को संत निरंकारी मिशन ब्रांच बूड़िया की संगत व सेवादारों ने पश्चिमी यमुना नहर के किनारों, बूड़िया पुल, मेहर माजरा गांव के तालाब व गांव की सफाई की गई। सफाई अभियान का शुभारंभ हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य अमर सिंह व संत निरंकारी मिशन ब्रांच जगाधरी के संयोजक बलराज मित्तल के कर कमलों द्वारा किया गया।
निरंकारी श्रद्धालुओं ने पश्चिमी यमुना नहर के पुल व मेहर माजरा के तालाब के किनारे किए साफ
संत निरंकारी मिशन की सेवा भावना और मानव कल्याण के संकल्प को साकार करने हेतु ब्रांच बूड़िया संचालक बाल किशन व शिक्षक डा. सुर्जन के नेतृत्व में सेवादल सदस्यों व साध संगत पश्चिमी यमुना नहर बूड़िया पुल पर पहुंची। सेवादारों ने यहां पुल पर जमी गंदगी, पॉलिथीन बैग व अन्य गंदगी को साफ किया। साथ ही नहर के किनारों की सफाई की। साफ की गई गंदगी को ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से डिस्पोज किया गया। इसी तरह कुछ सेवादारों व संगत ने मेहर माजरा गांव की फिरनी, गलियों व दोनों तालाबों के किनारों की सफाई की। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य अमर सिंह व मिशन के संयोजक बलराज मित्तल आदि ने भी खुद झाड़ू लगाकर ग्रामीणों को स्वच्छता का संदेश दिया। अमर सिंह ने कहा कि संत निरंकारी मिशन आज के दिन निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के जन्मदिवस पर हर साल सफाई अभियान चलाता है।
सफाई अभियान चलाकर लोगों को दिया स्वच्छता का संदेश
उनका संदेश था कि गंदगी अंदर हो या बाहर दोनों हानिकारक है। हमें भी उनके इस संदेश का अनुसरण करते हुए अपने घर के साथ आसपास के क्षेत्र को भी साफ रखना चाहिए। संयोजक महात्मा बलराज मित्तल ने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेशानुसार यह अभियान देशभर में 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 900 से अधिक शहरों में 1600 से भी अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन ने बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की प्रेरणादायक शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए वर्ष 2023 में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का शुभारंभ किया था।
इस दिव्य पहल का उद्देश्य केवल जल स्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि जल संरक्षण को मानव जीवन का अभिन्न अंग बनाने की सोच को विकसित करना है। नदियों, झीलों, तालाबों, कुओं और झरनों जैसे प्राकृतिक जल स्रोतों की स्वच्छता एवं संरक्षण को समर्पित इस महाअभियान ने अपने पहले दो चरणों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। इसी प्रेरणा के साथ, इस वर्ष तृतीय चरण को और अधिक व्यापक, प्रभावी एवं दूरगामी दृष्टि से आगे बढ़ाया गया है, ताकि यह अभियान निरंतर विस्तार पाकर समाज में जागरूकता, सेवा और समर्पण की एक सशक्त लहर उत्पन्न करे। उन्होंने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी अक्सर यही प्रेरणा देते हैं कि हम इस धरती को और भी अधिक सुंदर स्वरूप बनाएं।
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