Yamunanagar News : स्वांक के चावलों का आटा खाने से सौ लोग हुए बीमार

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स्वांक के चावलों का आटा खाने से सौ लोग हुए बीमार
स्वांक के चावलों का आटा खाने से सौ लोग हुए बीमार

(Yamunanagar News) साढौरा। नवरात्रि के पहले दिन रविवार को स्वांक के चावलों के आटे से बने पकवान खाने से साढौरा व आसपास देहात के लगभग सौ से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए हैं। सभी लोगों को फूड पॉइजनिंग हो गया है, जिस कारण से उन्हें पेट दर्द, उल्टी, दस्त और शरीर में कंपकंपी जैसी परेशानी हो रही है। सभी बीमार लोगों को इलाज के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

सीएचसी में पहुंचे 44 लोगों में से पांच की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। देर रात ही मामले की सूचना मिलने पर बिलासपुर के एसडीएम जसपाल सिंह ने हरकत में आते हुए सीएचसी में भर्ती मरीजों का बेहतर उपचार करने के निर्देश दिए। वहीं उनके निर्देशों पर ही खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने कस्बे की करियाना दुकानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की। हालांकि इस टीम के आने की सूचना मिलते हुए सभी करियाना दुकानदार अपनी दुकानें बंद करके वहां से गायब हो गए।

एसडीएम के निर्देशों पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने की दुकानों से सैंपलिंग

सीएचसी के सामने रहने वाले कुलदीप ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन की दोपहर को उनके परिवार ने स्वांक के चावलों के आटे से बनी पकौड़ी और पूरी खाई, लेकिन थोड़ी ही देर बाद सभी को पेट दर्द और हाथ पैरों में कंपकंपी के साथ-साथ उल्टी और दस्त लगने शुरू हो गए। इन सभी की हालत बिगड़ती देखकर आनन-फानन में कुलदीप ने अपने मित्रों व सगे संबधियों के माध्यम से अपनी पत्नि व तीनों बेटों को तुरंत बिलासपुर के प्राइवेट अस्पताल दाखिल करवाया। इसी तरह मोहल्ला मघान के रिंकू, राजेश, आशीष व अनीष सहित उनके परिवार के सदस्यों को भी यही तकलीफ होने पर उपचार के लिए प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया गया।

इसी दौरान सीएचसी में भी पेट दर्द, उल्टी, दस्त व शरीर में कंपकंपी की शिकायत लेकर बड़ी संख्या में लोग पहुंचने शुरु हो गए। तीन घंटे के अंतराल में सीएचसी में 44 मरीज पहुंच गए। मौके पर चिकित्सक मौजूद न होने के बावजूद स्टॉफ नर्स नीलम ने स्वास्थय कर्मचारियों अमित व विजय की सहायता से सभी मरीजों का उपचार शुरु किया। इस उपचार के कारण 5 मरीजों के अलावा बाकि सभी की हालत में सुधार होना शुरु हो गया। जबकि साढौरा की ममता व गुंजन, सरावां की जसविन्द्र, सादिकपुर के दलबीर व फिरोजपुर के बलबीर की हालत में सुधार न होने पर उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।

देर रात तक सीएचसी के अलावा कस्बे के सभी प्राइवेट अस्पतालों व बिलासपुर के प्राइवेट अस्पतालों में भी फूड पॉइजनिंग के काफी मरीज पहुंचने की खबर से कस्बे में हडकंप मच गया। अधिकतर मरीज कस्बे की बाल्मीकि बस्ती, मोहल्ला पीर बुद्धू शाह, मोहल्ला नारायणदास के अलावा सरावां, सादिकपुर व फिरोजपुर के गांवों के रहने वाले हैं। जिसमें बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं शामिल हैं। सभी मरीजो में एक से ही लक्षण दिखाई देने से इतना जरूर साफ हो गया है कि स्वांक के चावलों के आटे में ही विषाक्त तत्व उपस्थित है, जिसका लेबोरेटरी जांच से ही पता चल सकेगा।

जानकारी के अनुसार बीमार हुए सभी लोगों ने चार-पांच दुकानों से आटा खरीदा था, जिस कारण से सभी एक साथ बीमार हो गए। इन दुकानदारों ने भी खारा कुंआ चौक के पास मौजूद एक चक्की से यह आटा खरीदा था। इसकी सूचना मिलने पर खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी डॉ. अमित चौहान अपनी टीम के साथ सैंपलिंग करने के लिए पहुंच गए। इस टीम के आने की सूचना मिलते ही सभी करियाना दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी।

एसएचओ अमित कुमार के साथ यह टीम खारा कुंआ चौक पर पहुंची तो भाटिया आटा चक्की का पीछे की तरफ का रास्ता खुला देखकर टीम ने वहां सैंपलिंग की कार्रवाई शुरु की। इसी चक्की बारे टीम को शिकायत मिली थी। डॉ. अमित चौहान ने बताया कि इस चक्की से स्वांक के चावल से बने आटे का सैंपल लिया गया। इसके अलावा सरावां के शाम लाल करियाना स्टोर से भी स्वांक के चावल व कुट्टू के आटे का सैंपल लिया गया। दोनों के पास खाद्य सुरक्षा विभाग का लाइसेंस नहीं मिला। इसके अलावा भी दो-तीन दुकानों की जांच करने पर वहां स्वांक या कुट्टू का आटा नहीं मिला। डॉ. अमित चौहान ने बताया कि इन सैंपलों की लैब में जांच के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। एसएचओ अमित कुमार ने बताया कि मरीजों के बयानों के इनपुट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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