(Yamunanagar News) यमुनानगर। आयुष विभाग द्वारा बसंत पंचमी के अवसर पर 2 फरवरी 2025 को सरस्वती उद्गम स्थल श्री आदि बद्री में नि:शुल्क आयुष शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने शिविर का शुभारम्भ किया। शिविर में आयुष विभाग के वरिष्ठ आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सकों ने रोगियों की जांच कर उन्हें नि:शुल्क औषधियां वितरित की।

विधायक घनश्याम दास ने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति हमारे देश कि प्राचीनतम पद्धति है। आयुर्वेद की उत्पत्ति वेदों से हुई है जिनकी रचना महर्षि वेद व्यास द्वारा सरस्वती नदी के किनारे बैठकर कि गयी थी। आज आयुर्वेद पद्धति को संसार के सभी लोग अपनाना चाहते हैं क्योंकि आयुर्वेद पद्धति रोग को बिना किसी साइड इफेक्ट के समूल नष्ट करती है।

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ प्रतिभा भाटिया ने बताया कि महानिदेशक आयुष हरियाणा के निर्देशानुसार बसंत पंचमी के अवसर पर हर वर्ष कि भांति सरस्वती उद्गम स्थल श्री अदिबद्री में आयुष विभाग की और से नि:शुल्क आयुष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया की इस शिविर में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी चिकित्सा द्वारा रोगियों  की जांच कर नि:शुल्क में औषधियां वितरित की गयी। उन्होंने बसंत ऋतु का हमारे शारीरिक अंगों पर क्या प्रभाव पड़ता है एवं इस ऋतु में हमें किस प्रकार के रोग हो सकते है तथा उन रोगों से किस प्रकार हम अपना बचाव कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह से हम अपने घर की रसोई में प्रयुक्त मसालों से ही अपनी छोटी- छोटी बीमारियों को घर पर रहते हुए ही ठीक कर सकते है।

लोगों को रसोई घर एक आदर्श औषधालय की जानकारी डॉ अजय कुमार ने दी

आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार ने उपस्थित लोगों को रसोई घर एक आदर्श औषधालय की जानकारी दी एवं वृद्धावस्था में शरीर की रोगों से रक्षा कैसे की जा सकती है इस बारे जानकारी दी। पंचकर्मा विशेषज्ञ डॉ संगीता सांगवान ने लोगों को बताया कि पंचकर्म के अनुसार बसंत ऋतु वमन कर्म के लिए उपयुक्त मानी गयी है। क्योंकि इस ऋतु में मानव शरीर में कफ दोष की वृद्धि हो जाती है जिसको ठीक करने के  लिए वमन कर्म उत्तम मन जाता है। अत: इस ऋतु में कफ के कारण होने वाले रोगों को वमन कर्म के द्वारा पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने पंचकर्म की बाकि विधियों को संक्षिप्त रूप से लोगों को समझाया कि कैसे हम पंचकर्म के द्वारा अपने शरीर के शोधन से जटिल बीमारियों को भी ठीक कर सकते हैं। होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ महक ने शिशु एवं मातृत्व स्वास्थ्य के बारे जानकारी दी तथा यूनानी चिकित्सा अधिकारी डॉ. जावेद अख्तर ने बताया कि कैसे पुराने से पुराने रोगों को यूनानी औषधियों से ठीक किया जा सकता है।

कार्यक्रम में मंच संचालन जिला योग कोऑर्डिनेटर डॉ. सुनील कम्बोज द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि आज के शिविर में 479  रोगियों के स्वास्थ्य की जांच कर उनको औषधियां वितरित की गई। आज के शिविर में वृद्ध रोगियों की विशेष चिकित्सा, मातृ एवं शिशु चिकित्सा, घरेलू नुस्खे, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा की सुविधाएं प्रदान की गई। कार्यक्रम के अंत में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

इस मौके पर शिविर में डॉ बहादुर संधू, डॉ. जसविंदर चहल, डॉ. निधि पपनेजा, डॉ. मोनिका शर्मा एवं डॉ. जावेद अख्तर ने रोगियों की जांच की तथा राम कुमार, मोहम्मद शमीम, सतबीर, वीनस और दीपक वडोला ने औषधियां वितरित की।

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