Yamunanagar News : गोपाष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व, जो गोवंश की पूजा के लिए मनाया जाएगा – आचार्य त्रिलोक महाराज

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Gopasthami is a major festival of Hinduism Acharya Trilok Maharaj
जानकारी देते मंदिर के आचार्य त्रिलोक महाराज शक्ति पीठाधीश्वर।

(Yamunanagar News) यमुनानगर। गोपाष्टमी का पर्व विशेष रूप से गायों के सम्मान, उनकी महत्ता और हमारे जीवन में उनके अद्वितीय योगदान को समर्पित होता है। गोपाष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो गोवंश (गायों) की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से 9 नवम्बर 2024 को मनाया जाएगा। गोपाष्टमी का दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस दिन गायों की पूजा करके उनकी सेवा करने से समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से गोपाष्टमी व्रत विधि के तहत, गोमाता और उनके बछड़े की पूजा करके उन्हें विभिन्न प्रकार के पकवान खिलाए जाते हैं।

सूर्य कुंड मंदिर के आचार्य त्रिलोक महाराज शक्ति पीठाधीश्वर ने बताया कि गोपाष्टमी के दिन गायों को मारा-पीटा न जाए और न ही उनके साथ कोई दुव्र्यवहार किया जाए। पूजा स्थल को शुद्ध रखें और पूजन सामग्री को सहेजकर उपयोग में लें। विशेष रूप से यदि आप इस दिन व्रत रखते हैं तो व्रत का पालन नियमपूर्वक करें। गोपाष्टमी हमें गौसेवा, गौसंरक्षण और गौसंवर्धन का संदेश देती है। भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और उसके साथ संजीवनी शक्ति जुड़ी हुई है। इस पर्व के माध्यम से हम समाज में गौमाता के प्रति आदर और संरक्षण का भाव जागृत कर सकते हैं। दिवाली के बाद गायों की पूजा का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया है. गौ पूजन करने वालों को कभी दुख का सामना नहीं करना पड़ता. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन गाय की पूजा बहुत खास मानी गई है।

गोपाष्टमी मथुरा, वृंदावन और ब्रज के अन्य क्षेत्रों में प्रसिद्ध त्योहार है। गोपाष्टमी 9 नवंबर 2024, रविवार को है. गोपाष्टमी पर, गायों और उनके बछड़े को सजाया जाता है और सुख-समृद्धि की कामना से उनकी पूजा की जाती है. मान्यता है कि इसी दिन से भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने गौ चरण की लीला शुरू की थी। आचार्य त्रिलोक महाराज शक्ति पीठाधीश्वर ने बताया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्ट (मी तिथि 8 नवंबर 2024 को रात 11 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी और 9 नवंबर 2024 को रात 10 बजकर 45 पर समाप्त होगी। गोपाष्टमी के दिन लोग गायों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान दर्शाते हैं। मान्यता है कि गाय में 33 कोटि देवी-देवता का वास होता है। इनकी आराधना से जीवन में नवग्रहों के दोष दूर होते हैं. धन संकट की समस्या खत्म होती है।

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