(Yamunanagar News) साढौरा। बाढ़ प्रभावित पीडि़तों को प्रशासन से किसी भी तरह की राहत की उम्मीद नहीं है। अपने घरों से पानी उतरने के बाद वो पानी से खराब हुए अपने सामान को बचाने के प्रयासों में जुट गए हैं। बाढ़ प्रभावितों पवन, नसीरुदीन, प्रेम, लक्ष्मी, यामीन, शिवचरण, मिटठू व माया राम ने बताया कि नकटी नदी का पानी कई साल से उनके घरों में भर जाता है।
लेकिन मांग करने के बावजूद प्रशासन द्वारा इस समस्या का कोई स्थाई हल नहीं खोजा गया है। जलभराव होने से हर साल उनका घरेलू सामान व राशन खराब होने से उन्हें नुक्सान उठाना पड़ता है। अधिकतर मजदूर या किसान वर्ग के इन लोगों के लिए यह नुक्सान सहना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन उन्हें राहत देना तो क्या आंसू पोंछने तक के लिए कोई नहीं पहुंचता है। इस बार भी प्रशासन से नाउम्मीदी रखे यह लोग अपने खराब हुए सामान को सहेजने में जुट गए हैं। यही हाल बाढ़ प्रभावित किसानों बाबू राम, दया राम, सुरेन्द्र व गुरुदेव ने बताया कि लगभग हर साल नदी के उफनते पानी में उनकी सैंकडों एकड़ में खड़ी फसलें डूब जाने से उन्हें नुक्सान सहना पड़ता है। लेकिन प्रशासन द्वारा नदी के पानी का बहाव खेतों की तरफ आने से रोकने के अलावा उनकी खराब हुई फसलों का कोई भी मुआवजा नहीं दिया जाता है। वहीं नगरपालिका की चेयरपर्सन शालिनी शर्मा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान शुरू किया गया है। लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए फॉगिंग करवाई जा रही है। जलभराव के लिए नुक्सान का आंकलन करने के लिए राजस्व विभाग को कहा गया है।