(Yamunanagar News) यमुनानगर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं सीजेएम सुश्री कीर्ति वशिष्ठ नेï बताया कि पहली राष्ट्रीय लोक अदालत 8 मार्च 2025 को शनिवार के दिन आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आपराधिक मामले, धारा-138 के तहत एनआई एक्ट के मामले, बैंक रिकवरी केस, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद मामले, श्रम विवाद मामले, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी से संबंधित मामले (गैर शमनयोग्य मामलों को छोडक़र) वेतन और भत्ते तथा पुन: परीक्षण लाभ से संबंधित सेवा मामले, और राजस्व व अन्य सहायक मामले जो कि सुलझाने योग्य हैं इस अदालत में लिए जाएंगे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत : सीजेएम
सीजेएम ने बताया कि आपसी सहमति से हल हो सकने वाले मामलों में राष्ट्रीय लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। राष्ट्रीय लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में न तो किसी पक्ष की हार होती है और न ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है।
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