Yamunanagar News : आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल के समर्थन में धरने पर बैठे किसान

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आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल के समर्थन में धरने पर बैठे किसान
आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल के समर्थन में धरने पर बैठे किसान

(Yamunanagar News) यमुनानगर। एमएसपी गारंटी के कानून की मांग और खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के किसानों ने बड़ी संख्या में इकठ्ठा होकर लघु सचिवालय के सामने अनाज मंडी गेट पर धरना प्रदर्शन किया और एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल की। वहीं जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा।

सचिवालय के बाहर किसानों ने की नारेबाजी

भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान संजू गूंदियाना ने बताया कि एमएसपी कानून की गारंटी और खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने आज प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन और एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल की है। इसी के चलते आज यहां पर भी जिला लघु सचिवालय पर किसान एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे है।

उन्होंने कहा कि 2020 के आंदोलन में किसानों की शेष रही और एमएसपी गारंटी कानून की मांगों की हरियाणा पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर लंबे समय से किसान नेता जगजीत सिंह ड़ल्लेवाल मरणव्रत पर बैठे है। उनका स्वास्थ्य नाजुक है और किसानों की मांगें जायज और तथ्यात्मक है। किसानों की इन मांगों को हमारा पूर्ण समर्थन है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग करते हुए कहा कि आंदोलनरत किसानों से पुन: जल्द से जल्द बातचीत की जाए और किसान नेता जगजीत सिंह के जीवन को बचाया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसानों से बातचीत नहीं करती तो देश भर का किसान सडक़ों पर उतरने पर मजबूर होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विपणन नीति के नए मसौदे के तहत मंडी के बाहर एक निजी स्थान को मंडी मानने की शर्त गलत है और किसान को इसका सीधा नुकसान होगा। क्योंकि मंडी के अंदर फसल को खरीदने वाले व्यापारी अधिक आते है। और निजी स्थान पर मंडी बनाने से फसल के भाव को लेकर होने वाली प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी। निजी स्थान पर केवल एक ही व्यापारी होगा और इससे किसान को उसकी फसल का सही भाव नहीं मिलेगा। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान होगा।

जिससे गांव की सडक़ों और विकास का कार्य होता है। इस कानून से देश में बेरोजगारी बढ़ेगी और यह उन तीन काले कानून का हिस्सा है जिसका किसानों ने देश भर में विरोध किया था। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस मसौदे को तुरंत वापस लिया जाए और आंदोलन व प्रदर्शन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज केसों को भी वापिस लिया जाए। इस मौके पर संजू प्रधान, पप्पल गुंदियाना, रवींद्र, ईश्वर, सतीश, चंद्रपाल,राजेश, कृष्णपाल,महेंद्र चाहड़ों, रीटा चहल और रूपेंद्र कौर आदि किसान सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे।

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