Yamunanagar News : भक्ति में बिताया हर पल सुकून वाला होता है- सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

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Every moment spent in devotion is peaceful - Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj
निरंकारी संत समागम में प्रवचन करते सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज, साथ में निरंकारी राजपिता रमित जी।
  • तेजली ग्राउंड में आयोजित निरंकारी संत समागम में पहुंचा श्रद्धा का सैलाब

(Yamunanagar News) जगाधरी। प्रदूषण मन के भीतर हो या बाहर दोनों ही हानिकारक है। यह उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने तेजली ग्राउंड में आयोजित निरंकारी संत समागम के दौरान फरमाए। संत समागम में हरियाणा सहित, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ व हिमाचल प्रदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया।सतगुरु माता जी ने आगे कहा कि ब्रहाज्ञान की प्राप्ति के बाद मन की स्थिति स्थिरता व सुकून भरी होती है और भक्त सदैव परमात्मा की हर रजा में ही खुशी व सुकून महसूस करते है।

चाहे वे चार पहिया वाहन पर हो या दो पहिया वाहन पर। उनका मकसद केवल यात्रा करने का साधन या सुविधा तक ही सीमित होता है। उन्होंने समझाया कि सांसारिक साधनों का उपभोग करते हुए प्रभु परमात्मा को हर पल हर क्षण जीवन में एहसास करते हुए जीवन जीकर हम आध्यात्मिक व सामाजिक जीवन में एकरसता ला सकते हैं।

सतगुरु माता जी ने फरमाया कि व्यवहार में गुस्सा या कटुता में कैसे संतुलन बनाकर मधुरता लानी है, परमात्मा का बोध हमें सही चुनाव व चयन करना सिखाता है। उन्होंने सभी से प्रकृति को साफ सुंदर, स्वच्छ व निर्मल बनाने का भी आग्रह करते हुए कहा कि जब जन्म के समय हमें सुंदर स्वरूप में प्रकृति मिलती है तो इसे सुंदर छोड़कर जाने का सामाजिक दायित्व भी हम सबको निभाना है।

इससे पूर्व निरंकारी राजपिता रमित जी ने अपने विचारों में सबसे पहले सभी श्रद्धालुओं को दो सप्ताह बाद समालखा स्थित निरंकारी अध्यात्मिक स्थल पर आयोजित होने वाले 77वें निरंकारी वार्षिक संत समागम की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संत श्रद्धालु यही कामना करता है कि जिस प्रकार उनके जीवन में ब्रह्म ज्ञान द्वारा रोशनी आने से अंधेरी राहें मिट गई है।

उसी प्रकार सारी मानव जाति ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति कर, अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर हो जाए। जब हम अंधकार से प्रकाश की ओर जाते हैं तो हमारे जीवन में आने वाली ठोकरें मिट जाती हैं। इसी प्रकार ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के बाद मानव की मनोस्थिति में परिवर्तन हो जाता है तथा वो सबके भले की कामना करता है। उन्होंने कहा कि सत्य, प्रेम, मानवता ही सर्वोच्च धर्म है। शाहाबाद के जोनल इंचार्ज सुरेंद्र पाल सिंह ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और निरंकारी राजपिता रमित जी का हृदय से आभार प्रकट करते हुए आशीष प्राप्त किए।

उन्होंने दूर स्थानों से आए श्रद्धालु भक्तों का, यमुनानगर प्रशासन, पुलिस प्रशासन व अन्य सभी विभागों का सहयोग देने के लिए आभार व शुकराना किया। समागम के दौरान अनेक श्रद्धालुओं ने भजन, कविताओं व विचारों से निरंकारी मिशन का विश्व बंधुत्व का संदेश दिया। समागम के दौरान श्रद्धालुओं के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया था। समागम में शहर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा सहित अनेक गणमान्य सज्जनों ने सतगुरु माता जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।

 

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