(Yamunanagar News) साढौरा। कस्बे में बिजली निगम का एक भी पोल ऐसा नहीं है, जिस पर केबल टीवी या इंटरनेट की तारों का मकड़जाल न हो। तारों का यही मकड़जाल बिजली कर्मचारियों के लिए जंजाल बन गया है। नियमानुसार बिजली के खंभों पर केबल टीवी या इंटरनेट की तार लगाना गैर कानूनी है। जिसमें भारी जुर्माने का भी प्रावधान है। लेकिन कस्बे में सब कुछ उल्टा हो रहा है।
कस्बे में बिजली विभाग के जितने भी खंभे लगे हैं, सभी पर इन अवैध तारों का जाल मिलेगा। शायद ही कोई खंभा बचा हो जिसपर यह स्थिति न बनी हो। अधिकतर पोल तो ऐसे हैं जिन पर एक साथ तारों के पांच-छह गुच्छे बनाकर लटकाए गए हैं। यही हाल नगरपालिका की ओर से लगाए गए स्ट्रीट लाइट के खंभों का भी है। केबल टीवी और इंटरनेट की यह तारें हादसों का कारण भी बन रही हैं। इन अवैध तारों के कारण बिजली की तारों में आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा बिजली की तारों में आई किसी खराबी के कारण भी बिजली कर्मचारियों को भी समझ में नहीं आता है कि बिजली की तार कौन सी है या फिर केबल टीवी और इंटरनेट की तार कौन सी है।
यही नहीं तारों के इस मकड़जाल के कारण बिजली कर्मचारियों का खंभे पर चढ़ना भी बहुत दुश्वार हो जाता है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। फिर भी केबल टीवी और इंटरनेट नेटवर्क वालों ने लोगों की जान से खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी। केबल ऑपरेटरों के प्राइवेट कर्मचारी बिजली निगम की अनुमति के बिना बिजली के खंभों पर चढ़ जाते हैं। उनके साथ या फिर बिजली कर्मचारियों के साथ इन तारों से कोई हादसा हो सकता है। बिजली कर्मचारी यूनियन के प्रधान प्रमोद ने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बिजली के खंभों को इन अवैध तारों के मकड़जाल से मुक्त करवाने की मांग की है। बिजली निगम के एसडीओ विकास बंसल ने बताया कि केबल टीवी इंटरनेट कंपनियों को नोटिस देकर अपनी तारें बिजली के खंभों से हटाने को कहा जाएगा।
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