(Yamunanagar News) यमुनानगर। हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि एसएमसी सदस्य हमारी मजबूत इकाई है और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए वे बेहतर तरीके से विभाग का सहयोग कर रहे है। शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा वीरवार को शिक्षा विभाग द्वारा स्थानीय मुकुंद लाल नेशनल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित जिला स्तरीय विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंची। इससे पूर्व उन्होंने कॉलेज परिसर मेंं विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस मौके पर उनके साथ यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, सीईओ जिला परिषद पंकज सेतिया, शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक नमिता कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी सुमन बहमनी, डिप्टी डीओ शिव कुमार, सहायक परियोजना संयोजक डॉ. धर्मबीर, समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व चेयरपर्सन रोजी मलिक आनंद, नगर निगम के निवर्तमान मेयर मदन चौहान, संगीता सिंघल सहित एसएमसी कमेटी के सदस्य उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हरियाणा नायब सिंह के मार्गदर्शन में शिक्षा के स्तर में और सुधार हो, विद्यार्थियों को बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए निरंतरता में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने एसएमसी सदस्यों का विशेष तौर पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे हमारी मजबूत इकाई है और शिक्षा के क्षेत्र में उन द्वारा जो कार्य किए जा रहे है, वे काफी सराहनीय है।
उन्होंने यह भी कहा कि यहां पर एसएमसी सदस्यों द्वारा जो सुझाव दिए गए है, वे उन्हें विभाग से क्लीयर करवाकर मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगी ताकि सभी के सहयोग से शिक्षा की गुणवत्ता में ओर सुधार किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा में 14500 स्कूल है और सभी स्कूलों में उच्चस्तर की शिक्षा के साथ-साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाने का काम किया गया है। उन्होंने इस मौके पर एसएमसी सदस्यों से सीधा संवाद भी किया और उन द्वारा जो सुझाव दिए गए, उनको भी समझा। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में सफाई कर्मचारी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा पीएमश्री स्कूल, मॉडल संस्कृति स्कूल के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग दिल से लोगों के दिल तक पहुंचने का काम करते हुए विद्यार्थियों व अभिभावकों को शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी बेहतर सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। इस दौरान उन्होंने उपस्थित स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों को कहा कि वें सरकारी स्कूलों पर बारीकी से नजर बनाकर रखें और स्कूलों की कार्य प्रणाली को ओर बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड व चिरायु कार्ड के माध्यम से पात्र लाभार्थियों को चिकित्सा संबंधी सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से 5 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज निजी अस्पताल में करवाया जा रहा है। मॉडल संस्कृति स्कूलों में ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार से कम है, उन्हें फीस में राहत देते हुए अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां अध्यापक और अभिभावक के मध्य एक मजबूत कड़ी का कार्य कर रही हैं। हमारा लक्ष्य हर छात्र के भविष्य और जीवन को संवारना और निखारना है। उन्होंने कहा कि कमेटियां सहायक की भूमिका निभाएं और 3 महीने में कम से कम 1 बार अभिभावकों व स्कूल अध्यापकों की मीटिंग करवाएं। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए आयोजित किए जा रहे ये कार्यक्रम
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि आज आयोजित की जा रहे यह कार्यक्रम गुरु और बच्चों के माता-पिता को समर्पित है। आज प्रदेश के साढ़े 14 हजार स्कूल हैं, जहां बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षक और अभिभावक वर्ग के बीच की दूरी कम करने के साथ-साथ बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए चिंतन करना है।
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने मौके पर एसएमसी सदस्यों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर उपलब्धि हासिल करने वाले जिले के 10वीं व 12वीं के टॉपर विद्यार्थियों, स्टार मैंटर निपुण व स्टार टीचर निपुण को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षा मंत्री को स्मृति चिन्ह के रूप में बैंगलोर क्रोटन पौधा व शाल भेंट कर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। एसएमसी सदस्यों ने शिक्षा मंत्री से स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने की मांग की।
यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि स्कूलों की शिक्षा में सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में सुधार लाने के लिए सभी लोग एक पेड़ अपनी मॉं के नाम लगाए और उसकी एक वर्ष तक देख रेख करें। समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व चेयरपर्सन रोजी मलिक आनंद ने शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा का जीवन परिचय लोगों के सामने विस्तार से बताया और उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री स्वयं अध्यापिका थी।
इस मौके पर उनके साथ यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, सीईओ जिला परिषद पंकज सेतिया, शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक नमिता कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी सुमन बहमनी, डिप्टी डीओ शिव कुमार, सहायक परियोजना संयोजक डॉ. धर्मबीर, समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व चेयरपर्सन रोजी मलिक आनंद, नगर निगम के निवर्तमान मेयर मदन चौहान, संगीता सिंघल सहित एसएमसी कमेटी के सदस्य उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हरियाणा नायब सिंह के मार्गदर्शन में शिक्षा के स्तर में और सुधार हो, विद्यार्थियों को बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए निरंतरता में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने एसएमसी सदस्यों का विशेष तौर पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे हमारी मजबूत इकाई है और शिक्षा के क्षेत्र में उन द्वारा जो कार्य किए जा रहे है, वे काफी सराहनीय है।
उन्होंने यह भी कहा कि यहां पर एसएमसी सदस्यों द्वारा जो सुझाव दिए गए है, वे उन्हें विभाग से क्लीयर करवाकर मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगी ताकि सभी के सहयोग से शिक्षा की गुणवत्ता में ओर सुधार किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा में 14500 स्कूल है और सभी स्कूलों में उच्चस्तर की शिक्षा के साथ-साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाने का काम किया गया है। उन्होंने इस मौके पर एसएमसी सदस्यों से सीधा संवाद भी किया और उन द्वारा जो सुझाव दिए गए, उनको भी समझा। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में सफाई कर्मचारी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा पीएमश्री स्कूल, मॉडल संस्कृति स्कूल के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग दिल से लोगों के दिल तक पहुंचने का काम करते हुए विद्यार्थियों व अभिभावकों को शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी बेहतर सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। इस दौरान उन्होंने उपस्थित स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों को कहा कि वें सरकारी स्कूलों पर बारीकी से नजर बनाकर रखें और स्कूलों की कार्य प्रणाली को ओर बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड व चिरायु कार्ड के माध्यम से पात्र लाभार्थियों को चिकित्सा संबंधी सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से 5 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज निजी अस्पताल में करवाया जा रहा है। मॉडल संस्कृति स्कूलों में ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार से कम है, उन्हें फीस में राहत देते हुए अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां अध्यापक और अभिभावक के मध्य एक मजबूत कड़ी का कार्य कर रही हैं। हमारा लक्ष्य हर छात्र के भविष्य और जीवन को संवारना और निखारना है। उन्होंने कहा कि कमेटियां सहायक की भूमिका निभाएं और 3 महीने में कम से कम 1 बार अभिभावकों व स्कूल अध्यापकों की मीटिंग करवाएं। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए आयोजित किए जा रहे ये कार्यक्रम
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि आज आयोजित की जा रहे यह कार्यक्रम गुरु और बच्चों के माता-पिता को समर्पित है। आज प्रदेश के साढ़े 14 हजार स्कूल हैं, जहां बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षक और अभिभावक वर्ग के बीच की दूरी कम करने के साथ-साथ बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए चिंतन करना है।
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने मौके पर एसएमसी सदस्यों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर उपलब्धि हासिल करने वाले जिले के 10वीं व 12वीं के टॉपर विद्यार्थियों, स्टार मैंटर निपुण व स्टार टीचर निपुण को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षा मंत्री को स्मृति चिन्ह के रूप में बैंगलोर क्रोटन पौधा व शाल भेंट कर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। एसएमसी सदस्यों ने शिक्षा मंत्री से स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने की मांग की।
यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि स्कूलों की शिक्षा में सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में सुधार लाने के लिए सभी लोग एक पेड़ अपनी मॉं के नाम लगाए और उसकी एक वर्ष तक देख रेख करें। समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व चेयरपर्सन रोजी मलिक आनंद ने शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा का जीवन परिचय लोगों के सामने विस्तार से बताया और उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री स्वयं अध्यापिका थी।