हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर बिना अनुमति खर्च कर दिए करोड़ों रुपए

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Yamunanagar News/Crores of rupees spent on health and wellness center without permission
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आज समाज डिजिटल, Yamunanagar News :
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानार : हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में विकास कार्याें के लिए आए बजट को सिविल सर्जन कार्यालय के लिए खर्च कर दिया गया। यह पैसा तत्कालीन सिविल सर्जन ने खर्च किया। जिस वजह से सेंटरों में होने वाला कार्य रूक गया। इसका पता भी उस समय लगा, जब ठेकेदार ने बजट मांगा। मामला खुलने पर मुख्यालय ने जवाब तलब किया। जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग ने पुराने दस्तावेज खंगाले, लेकिन कही भी कोई ऐसा दस्तावेज नहीं मिला। जिसमें इस पैसे को खर्च करने की अनुमति ली गई हो। इसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन की ओर से मुख्यालय को भेज दी गई है।

चार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में कार्याें के लिए चार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। लोक निर्माण विभाग ने इन सेंटरों में होने वाले सभी छोटे-छोटे कार्याें के लिए टेंडर लगा वर्क अलाट कर दिया। इस बीच सिविल अस्पताल में बन रही एक बिल्डिंग में सिविल सर्जन स्टाफ को शिफ्ट किया गया। शिफ्टिंग से लेकर यहां पर व्यवस्था करने में करीब एक करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। यह पैसा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के लिए आए बजट से निकाला गया।

एक करोड़ रुपये सिविल सर्जन कार्यालय के लिए रखवा लिए

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, उस समय तत्कालीन सिविल सर्जन ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए आए बजट में एक करोड़ रुपये सिविल सर्जन कार्यालय के लिए रखवा लिए। सेंटरों में होने वाले कार्याें के इस बजट को अन्य किसी मद से एडजस्ट करने की बात कही गई, लेकिन बाद में यह बजट नहीं मिल सका। जिस पर ठेकेदार ने लोक निर्माण विभाग से बचा हुआ बजट मांगा, तो मामला खुल गया। अब यह पैसा न मिलने पर ठेकेदार ने बचा हुआ कार्य बंद कर रखा है।

सिविल सर्जन कार्यालय में लगाई गई बडी़ एलईडी व अन्य उपकरण

नई बिल्डिंग में शिफ्ट किए सिविल सर्जन कार्यालय को पूरी तरह से आधुनिक किया गया। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए आए एक करोड़ रुपये को इसमें खर्च दिखाया गया। यहां पर बड़ी एलईडी सहित अन्य उपकरण लगाए गए। नई कुर्सी व मेज तक मंगवाई गई।

मुख्यालय ने मांगा जवाब

सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह का कहना है कि एक करोड़ रुपये खर्च होने के बारे में मुख्यालय ने रिपोर्ट मांगी। उन्हें जवाब भेज दिया गया है। एक करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति भी नहीं ली गई थी। ऐसा कोई दस्तावेज भी कार्यालय में नहीं मिला है। यह पैसा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में होने वाले कार्याें के बजट से निकाला गया था।

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