(Yamunanagar News ) साढौरा। स्वयं का स्वयं से मिलन करवाने के लिए सब कुछ त्यागना पड़ता है। त्याग से ही सच्चे आनंद की प्राप्ति संभव है। पर्युषण पर्व के आठवें दिन श्री दिगंबर जैन मंदिर में उत्तम त्याग धर्म को अंगीकार करने के दौरान पंकज जैन ने उक्त बात कही। उन्होंने कहा कि भोगों को भोगते हुए छोडऩे वाले को त्यागी कहते हैं। जबकि जिसके भोग भोगते हुए छूट जाते हैं वह रागी होता है।
छोडऩे वाला ऊपर उठता है जबकि जोडऩे वाला नीचे जाता है। इसलिए अच्छा है कि काया छूटने से पहले मोह और माया का त्याग कर देना चाहिए। प्रधान ऋषभ जैन ने बताया कि 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के मौके पर सकल जैन समाज द्वारा भव्य रथ महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह रथ यात्रा श्री दिगंबर जैन मंदिर से शुरु होकर वापस यहीं संपन्न होगी। शाम को मंदिर में अभिषेक व शांति धारा का आयोजन किया जाएगा। मौके पर नवीन जैन, राहुल जैन, गौरव जैन, अनु जैन, अरुण जैन, डॉ.प्रमोद जैन व डॉ.विनोद जैन भी उपस्थित थे।
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