(Yamunanagar news) छछरौली। गांव टिब्बी अराइंया में कुछ लोगों द्वारा पंचायती जमीन से पॉपुलर के पेड़ काटने का मामला सामने आया है। जिस पर जमीन ठेकेदार ने डायल 112 को फोन कर लकड़ी को रुकवाया। लेकिन तब तक दूसरा पक्ष दो ट्रॉली लकड़ी भरकर ले जा चुके थे। जिसको पुलिस की मदद से रुकवाया गया। दोनों ट्राली प्रताप नगर थाना में खड़ी है जहां पर पुलिस की तरफ से दोनों पक्षों को बुलवाया गया है।
शिकायतकर्ता बलविंदर पुत्र भंगी राम ने बताया कि 11 जून को उन्होंने गांव में पंचायती जमीन ठेके पर ली थी जिसमें खड़े पॉपुलर के पेड़ को नानक पुत्र सदीक व अन्य ने जबरन काटने का प्रयास किया जबकि ठेका उनके नाम है। ऐसे में जमीन में खड़ी फसल व पेड़ पौधे की जिम्मेदारी भी उनकी है लेकिन उक्त लोगों ने जबरन जमीन में खड़े पॉपुलर के पेड़ों को काटना शुरु कर दिया। इतना ही नहीं छुट्टी वाले दिन जबरन दो ट्रालियां पॉपुलर की भरकर ले जाने लगे। जिस पर उन्होंने डायल 112 व थाना प्रताप नगर को सूचित किया। जिस पर डायल 112 व थाना प्रताप नगर पुलिस मौका पर पहुंची और लकड़ी से भरी ट्रालियों को अपने कब्जे में ले लिया।
लाखों में है काटी गई लकड़ी की कीमत
शिकायतकर्ता आने बताया कि 11 जून को उनके नाम ठेका हो चुका था। लेकिन नानक व अन्य ने पंचायती जमीन में खड़ी लकड़ी को काटना शुरु कर दिया। अब ठेकेदार होने के नाते जिम्मेदारी भी हमारी बनती है शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्राम पंचायत व प्रशासन जैसा भी निर्देश देंगे वह उसका पालन करेंगे।
लकड़ी काटने वाले ने ही लगा रखी है सीएम विंडो
शिकायतकर्ता बलविंदर ने बताया कि यहां खड़े पेड़ों को चोरी से काटने के बारे में उक्त लोगों ने ही सीएम विंडो व बीडीपीओ कार्यालय में शिकायत दे रखी है कि किसी भी समय यह पेड कट सकते हैं। अब शिकायत करने वाले भी यही लोग हैं और पेड़ काटने वाले भी यही लोग हैं। शिकायतकर्ता बलविंदर का कहना है कि पेड़ तो यह लोग काट रहे हैं लेकिन जिम्मेदारी हमारी बनती है। शिकायतकर्ता बलविंदर ने प्रशासन से मांग की है कि पंचायती जमीन से लकड़ी काटने के लिए पैमाइश करवाई जाए।
इस बारे में दूसरे पक्ष के नानक पुत्र सद्धीक ने बताया कि उन्होंने अपने द्वारा लगाए गए पेड़ों को ही काटा है। शिकायत बे वजह से इन पेड़ों पर पंचायत का हक बता रहा है। यह उनकी अपनी जमीन है। उनका अपना नंबर है। पंचायत प्रशासन चाहे तो इसकी जांच करवा सकता है। हम हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं।