Yamunanagar News : केमिकल युक्त पानी पीने से 12 मवेशियों की तबीयत बिगड़ी

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12 cattle fell ill after drinking water laden with chemicals
फैक्ट्री का केमिकल युक्त पानी से मवेशियों की चमड़ी उतर गई
(Yamunanagar News) साढौरा। गांव सरावां में फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी लगातार बेजुबानों की जान पर भारी पड़ रहा है। बिना ट्रीटमेंट फैक्ट्री से बाहर छोड़ा गया केमिकल युक्त पानी पीने से सोमवार को 12 मवेशियों की तबीयत बिगड़ गई। केमिकल युक्त पानी पीने से इन 12 मवेशियोंं की चमड़ी उतरने के अलावा 6 मवेशियों को दिखाई देना भी बंद हो गया। वहीं पशु चिकित्सकों ने इन मवेशियों के बचने की कम ही संभावना जताई हैं। केमिकल युक्त जहरीला पानी पीने से इन मवेशियों की हालत बिगडऩे पर ग्रामीणों ने फैक्ट्री संचालकों के विरुद्ध नाराजगी जताई है। वहीं पशुपालक मलखान ने पुलिस को सूचित कर फैक्ट्री संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के अलावा प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।
पशुपालक मलखान ने बताया कि गांव पम्मूवाला के कुछ पशुपालकों अपने मवेशियों को खाली मैदान में चराने के लिए गांव सरावां ने डेरा डाला हुआ है। उनके पशु दिनभर आसपास के खाली मैदानों में घास चरते हैं। सोमवार को पशुपालक अपने मवेशियों को खाली मैदान में घास चरने के लिए गए थे। फैक्ट्री के बाहर केमिकल युक्त पानी जमा होने से पशुओं ने यह पानी पी लिया। जिससे 12 मवेशियों की तबीयत बिगड़ गई। अचानक इन दुधारु मवेशियों की तबीयत बिगडऩे पर पशुपालक व ग्रामीण एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने नाराजगी जताई कि लगातार मवेशियों की जान जाने के बाद भी प्रशासन फैक्ट्रियों पर नकेल नहीं कस पा रहा है। पर्यावरण एवं प्रदूषण विभाग भी मौन बना हुआ है। ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए पीडि़त पशुपालकों को मुआवजा दिलाने की मांग भी की।
मलखान ने बताया कि पशुपालक गाय व भैंसों का दूध बेचकर ही वह अपने परिवारों का पालन पोषण करते हैं। अब परिवारों की रोजी-रोटी पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है। आसपास के ग्रामीणों ने भी केमिकल युक्त पानी बिना ट्रीटमेंट के ही फैक्ट्रियों से बाहर छोडऩे वालों पर कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप है कि सरावां स्थित इन फैक्ट्रियों में एनजीटी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन को ठेंगा दिखाया जा रहा है। सभी फैक्ट्रियों को ट्रीटमेंट के बाद ही पानी बाहर छोडऩे के लिए कहा गया है। कुछ फैक्ट्रियों ने अपने ट्रीटमेंट चेंबर बनाए हुए हैं। मगर कुछ फैक्ट्रियां बिना ट्रीटमेंट के ही केमिकल युक्त व जहरीला पानी बाहर छोड़ रही हैं।
भाकियू रतनमान ग्रुप के हलका प्रधान सतपाल मानकपुर ने बताया कि बड़े पैमाने पर केमिकल युक्त व जहरीला पानी को बाहर छोड़ा जा रहा है। यही नहीं कुछ फैक्ट्रियां प्रदूषित पानी को जमीन के भीतर गहराई में डाल रही हैं। बाहर निकलने वाला केमिकल युक्त जहरीला पानी बेजुबान पशुओं की मौत का कारण बनने के अलावा कृषि भूमि और बरसाती नालों से होकर फसलों को खराब करता है। जमीन के भीतर गहराई में छोड़ा गया पानी आसपास क्षेत्र में भूजल को नुकसान पहुंचा रहा है। क्षेत्र में दूषित पेयजल से होने वाले चमड़ी रोग सहित अन्य बीमारियां भी तेजी से बढऩे का खतरा बन चुका है। उन्होंने प्रशासन से बिना ट्रीटमेंट के केमिकल युक्त जहरीला पानी छोडऩे कंपनी संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

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