प्रभजीत सिंह (लक्की), यमुनानगर :
रादौर के दून पब्लिक स्कूल बुबका की ओर से शनिवार को अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल रेखा कांबोज ने बच्चों को आनलाईन जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष 17 जुलाई को दुनियाभर में यह दिवस मनाया जाता है। दो देशों के बीच के झगड़ो के निपटाने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस यानी आईसीजे की स्थापना दुनियाभर के देशों ने मिलकर की थी। इसकी स्थापना 1945 में हालैंड के शहर हेग में की गई थी। अंतरराष्ट्रीय कानूनी विवादों का निपटारा इस कोर्ट में किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ये संयुक्त राष्ट्र के अंगों और विशेष एजेंसियों द्वारा उठाए कानूनी प्रश्नों पर राय भी देते हैं। इस न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं। इन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद मिलकर चुनती है। जिनका कार्यकाल 9 साल का होता है। कोर्ट की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी और फ्रेंच है। न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में मुख्य शर्त ये होती है की दो न्यायधीश एक देश से नहीं चुने जा सकते। इसके कुल 192 देश सदस्य हैं। भारतीय जज के तौर पर यहां दलवीर भंडारी इनका कार्यकाल 2018 तक का रहा है।
रादौर के दून पब्लिक स्कूल बुबका की ओर से शनिवार को अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल रेखा कांबोज ने बच्चों को आनलाईन जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष 17 जुलाई को दुनियाभर में यह दिवस मनाया जाता है। दो देशों के बीच के झगड़ो के निपटाने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस यानी आईसीजे की स्थापना दुनियाभर के देशों ने मिलकर की थी। इसकी स्थापना 1945 में हालैंड के शहर हेग में की गई थी। अंतरराष्ट्रीय कानूनी विवादों का निपटारा इस कोर्ट में किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ये संयुक्त राष्ट्र के अंगों और विशेष एजेंसियों द्वारा उठाए कानूनी प्रश्नों पर राय भी देते हैं। इस न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं। इन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद मिलकर चुनती है। जिनका कार्यकाल 9 साल का होता है। कोर्ट की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी और फ्रेंच है। न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में मुख्य शर्त ये होती है की दो न्यायधीश एक देश से नहीं चुने जा सकते। इसके कुल 192 देश सदस्य हैं। भारतीय जज के तौर पर यहां दलवीर भंडारी इनका कार्यकाल 2018 तक का रहा है।