यमुनानगर :कोरोना महामारी के समय में शिक्षको ने अपने कार्य को एक चैलेंज के रुप में अच्छी तरह से निभाया : उपायुक्त

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प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :

जिला सचिवालय के सभाकक्ष में आयोजित शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में बोलते हुए उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि शिक्षक समाज में युवाओं के ज्ञान को बढाने, अच्छे संस्कार पैदा करने तथा समाज के लिए प्रेरणा को स्त्रोत बने जिससे एक अच्छे समाज का निर्माण होगा। शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने दीप प्रज्ववलित कर इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया ओर उन्होंने व शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने महान शिक्षाविद् एवं पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर पुष्प अपत कर शिक्षकों व पूरे समाज को शिक्षक दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दी। सम्मान समारोह में उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों के 24 अध्यापक एवं अध्यापिकाओं, माध्यमिक स्कूलों के 14 मुख्य अध्यापकों, उच्च विद्यालयों के 5 मुख्य अध्यापकों, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के 15 प्रिंसीपलों, आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के 8 प्रिंसीपलों सहित 22 एबीआरसी, 20 बीआरपी, 10 एएमएमआईएस, 6 खण्ड शिक्षा अधिकारियों, 4 एपीसीएस,1 डीएसएस, 2 विशेष अध्यापकों व 5 अन्य अन्य प्राध्यापको को अपने कर कमलों से सम्मानित किया।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस अध्यापक दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शिक्षा व शिक्षक के प्रति विशेष प्यार था और उनके जन्मदिवस पर शिक्षको को सम्मानित करने के लिए प्रति वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक को हमेशा समाज की भलाई का ध्यान रखना चाहिए और समाज के गौरव को बढाने का हमेशा शिक्षकों को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता व शिक्षक का योगदान हर व्यक्ति के जीवन में होता है और शिक्षक की समाज के प्रति महत्वपूर्ण जिम्मेवारी होती है। अत: सभी शिक्षक अपनी जिम्मेवारी को अच्छी तरह से निभाएं और बच्चो की सोच का विकास कर शिक्षक समाज को नई गति और नई दिशा दे सकते हैं। यदि शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे तो आने वाली पीढ़ी देश का अच्छे ढग से मार्गदर्शन करेगी तथा यह जिम्मेवारी शिक्षको की है। उन्होंने कहा कि यह जरुरी नहीं है कि बच्चे ज्यादा अच्छे नम्बर लेकर पास हों बल्कि यह जरुरी है कि बच्चे देश के अच्छे इंसान व नागरिक बने तथा बच्चों की सोच संवेदनशील हो, सोच पॉजिटिव हो।
पार्थ गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में भी शिक्षको ने अपने कार्य को एक चैलेंज के रुप में अच्छी तरह से निभाया है इसके लिए सभी अध्यापक बधाई के पात्र हैं और अध्यापकों व शिक्षा जगत से जुडे अधिकारियों व कर्मचारियों ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की इंरोलमैंट बढाकर यह सिद्घ कर दिया है कि आज सरकारी स्कूलो की छवि बढ रही है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी से ही शिक्षक की पहचान होती है। अत: शिक्षक ही विद्यार्थियों में आदर व समर्पण की भावना पैदा कर सकते है। उन्होंने कहा कि शिक्षक के कंधे पर विशेष जिम्मेवारी होती है और शिक्षा को एक व्यवसाय नहीं समझना चाहिए बल्कि शिक्षा एक सेवा है जो समाज में अच्छे नागरिक पैदा करती है। अत: शिक्षक समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनें। साथ ही जरुरी है कि सभी युवा एवं विद्यार्थी भी समाज में शिक्षक को पूरा आदर सम्मान दें। इस अवसर पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आर.डी.गागट, उप जिला शिक्षा अधिकारी शिव कुमार धीमान, डीपीसी सुमन बहमनी, एपीसी कुलदीप सिंह, डा. धर्मबीर, जयकुमार, सुभाष चन्द्र, बीआरपी संजीव काम्बोज, शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी, एआईपीआरओ स्वर्ण सिंह जंजोटर सहित अन्य अधिकारी व अध्यापकगण उपस्थित थे।