प्रशासन की ओर से दोपहर तक नहीं मिली कोई मदद
ड्रेन की दिशा सही नहीं होना भी मुसीबत का कारण
प्रभजीत सिंह (लक्की), यमुनानगर:
क्षेत्र में हुई भारी बारिश से खिजराबाद एरिया जलमग्न हो गया। कई गांव में पानी घुस गया सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न है। सुबह 10:30 बजे तक प्रशासन की ओर से ग्रामीणों की मदद के लिए कोई नहीं गया। इससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति भारी रोष है। देररात अचानक खिजराबाद क्षेत्र में भारी बरसात शुरू हो गई। प्रशासन के दर्ज आंकड़ों के मुताबिक रात को 55 एमएम बारिश हुई। इस कारण नागल ड्रेन में पानी आने से ड्रेन ओवरफ्लो होने के बाद टूट गई। ड्रेन के टूटने से प्रताप नगर, किशनपुर, अराइयांवाला, बहादरपुर, नागल सहित दर्जनों गांवों में पानी घुस गया प्रताप नगर में तो पानी दुकानों के अंदर चला गया जिससे दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है।
प्रभावितों ने बयां किया दर्द
प्रभावित रघुवीर, पंकज, ब्रह्मजीत व राहुल का कहना है कि प्रशासन ने ड्रेन की पहले से मरम्मत नहीं कराई जिस कारण डेनिम और फ्लो होकर टूट गई। यह इस बरसात में धान की रोपाई करनी थी लेकिन ज्यादा पानी आने से यह रोपाई भी नहीं हो पाई। ग्रामीणों का यह कहना है कि सुबह सात बजे कम पानी था जैसे जैसे समय बढ़ता रहा पानी का भी जलस्तर बढ़ता रहा प्रशासन यदि उसी समय संज्ञान लेते तो इतना जलभराव ना होता।
पौंटा साहिब हाईवे भी प्रभावित
इस कारण बरसात व ड्रेन का पानी पौंटा साहिब हाईवे पर भी जमा हो गया। जिस कारण हाइवे पर दोनों ओर जाम लग गया। कुछ वाहन चालको ने वाहनों को पानी के बीच से निकालना चाहा लेकिन उनको स्थानीय लोगों ने रोक दिया। उधर यमुना नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है। सुबह 10 बजे 58 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। इस संबंध में बिलासपुर एसडीएम से बात नहीं हो पाई।
सुबह से ही बदतर हुए हालात
मंगलवार को सुबह करीब सात बजे से ही हालात खराब होने लगे। यह हादसा होने के बाद हुआ। ड्रेन टूटने के बाद पानी के तेज बहाव आबादी और खेतों में पानी भरने लगा। इससे यहां रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई। फिलहाल गांव में बाढ़ जैसे हालात हैं।
राहत की ड्रेन ही बनी मुसीबत
सिंचाई विभाग ने खिजरी के जंगल और क्षेत्र के बरसाती पानी की निकासी के लिए यह ड्रेन ने बनाई थी। जानकार बताते हैं कि इसकी दिशा सही नहीं है, क्योंकि जिस एरिया में यह जा रही है, वह ऊंचाई पर है। निकासी संभव ही नहीं है। मंगलवार को क्षेत्र में जोरदार बारिश हुई। यह ड्रेन ओवरफ्लो हो गई और चांदपुर और नागल गांव के पास टूट गई। इस ड्रेन से करीब 25 किलोमीटर एरिया के बरसाती पानी की निकासी की योजना बनी थी।